नई दिल्ली। सरकार अपने ‘ठिकाना नहीं बल्कि घर’ उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने आज अपने इस लक्ष्य पर कहा कि इससे अगले वित्त वर्ष में 44 करोड लोगों को छत मिल सकेगी बल्कि उन्हें एलपीजी, बिजली और पानी के कनेक्शन भी उपलब्ध होंगे।
ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) या पीमे के तहत केंद्र मैदानी और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लाभार्थियों के खातों में सीधे क्रमश: 1.30 लाख और 1.50 लाख रुपये स्थानांतरित करेगी।
इसके अलावा सभी लाभार्थियों को शौचालय के निर्माण के लिए 12,000 रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही उन्हें मनरेगा के तहत अपने घर के निर्माण के लिए 90 दिन का रोजगार भी दिया जाएगा। यह राशि 18,000 रुपये बैठेगी। सिन्हा ने कहा, ‘पहले अगले साल के लिए लक्ष्य 33 करोड़ लाभार्थियों को घर देने का था, इसे अब बढ़ाकर 44 करोड़ कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री की दिशा इस मामले में स्पष्ट है- लोगों को बेहतर जीवन मिलना चाहिए। उन्हें ठिकाना नहीं घर मिलना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा व्यापक लक्ष्य उन लोगों को घर देना है जो बेघर हैं।
वहीं, कच्चे मकानों में रहने वालों को कंक्रीट का घर देना है। केंद्र ने राज्यों से ऐसे लाभार्थियों को जमीन हस्तातंरण करने को कहा है जो बेघर हैं।’ एक अनुमान के अनुसार इन मकानों का जिन लोगों के लिए निर्माण किया जा रहा है उनमें से 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से हैं।