नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के ब्रिटेन से कोहिनूर वापस लाने के मुद्दे पर यू-टर्न लेने के बाद सरकार संसद के अगले सत्र में कोहिनूर मामले पर चर्चा करा सकती है। सुप्रीम कोर्ट में कोहिनूर मामले पर अपना पक्ष रखने के बाद यू-टर्न लेते हुए सरकार ने कहा है कि कोहिनूर को सौहार्दपूर्ण तरीके से भारत वापस लाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे।
वहीं विपक्षी पार्टियों की आलोचनाओं का सामना कर रही सरकार कोहिनूर पर चर्चा कर विपक्ष के सामने इस मामले पर अपना पक्ष रखना चाहती है। भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा कि इस मामले पर सरकार अपना जवाब हलफनामे के माध्यम से देगी न कि मौखिक टिप्पणियों से।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार से सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी को ब्रिटेन से बदले में क्या मिला, वह तो भारत की विरासत उपहार के रूप में ब्रिटेन को दे रहे हैं।
इससे पहले संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा था कि सरकार को एक सौहार्दपूर्ण परिणाम की उम्मीद बनी हुई है कि देश को उसके विरासत एवं कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वापस मिल सकता है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने संस्कृति मंत्रालय का पक्ष रखते हुए कहा था कि भारत सीधे तौर पर कोहिनूर पर दावा नहीं कर सकता क्योंकि कोहिनूर को लूट कर नहीं ले जाया गया था। 1849 सिख युद्ध में हर्जाने के तौर पर दिलीप सिंह ने कोहिनूर को ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपा था। उच्चतम न्यायालय ने विदेश मंत्रालय से छह हफ्तों के भीतर एक हलफनामा दायर करने को कहा है।