लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से गुरूवार को दिव्यांग, निराश्रित एवं मलिन बस्ती के बच्चों के एक दल ने मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने निराश्रित एवं निर्बल वर्ग के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाने की बात कही।
उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह के नेतृत्व में दिव्यांग, निराश्रित एवं मलिन बस्ती के बच्चों का यह दल गुरुवार को राजभवन पहुंचा और राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन लोगों ने ‘एव्री लास्ट चाइल्ड‘ के नाम से 11 सूत्रीय बाल घोषणा पत्र-2016 राज्यपाल को सौपा।
राज्यपाल ने बच्चों को आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री से उनकी सभी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध करेंगे।
राम नाईक से मिलने वाले सभी बच्चे लखनऊ स्थित लवकुश नगर बस्ती, प्रतापनगर बस्ती, शिक्षालय गोमती नगर, मानस विहार, कैलाशकुंज तकरोही, राज्य संरक्षण गृह से थे, जो आधारशिला, उम्मीद, चाईल्ड लाइन, घरौंदा, दृष्टि सामाजिक संस्थान, सेव द चिल्डेªन आदि संस्थाओं से जुडे़ हैं।
ये बच्चे पूरे प्रदेश का दौरा करके अपने जैसे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर ब्रांड अम्बेसडर के रूप में वर्तिका सिंह फेमिना मिस इण्डिया-2015 भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चे अच्छे संस्कार और अनुशासन बचपन से सीखें। स्वयं में अच्छे गुणों का समावेश करें। बच्चों का समाज में बहुत महत्व है।
निराश्रित एवं निर्बल वर्ग के बच्चों को केवल खाना, कपड़ा ही नहीं शिक्षा से आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को उचित संरक्षण की जरूरत होती है।
श्री नाईक ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई को प्राथमिकता दें तथा नियमित रूप से स्कूल जायें। शिक्षा ग्रहण करना बच्चों का मौलिक अधिकार है। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित करे कि बच्चों को उचित शिक्षा एवं शिक्षा ग्रहण करने का उचित वातावरण मिले।
मेहनत से शिक्षा ग्रहण करें। ईमानदारी से काम करने वाले ही आगे बढ़ते हैं। मलिन बस्ती के बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अपने जैसे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें तथा समाज के उपेक्षित बच्चों को भी आगे बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वहीं समाज और देश आगे बढ़ता है जहाँ के नागरिक शिक्षित होते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चे अपने माता-पिता और घर का ध्यान रखें। बच्चें बुरी संगत से दूर रहकर दूसरे बच्चों को भी छोटी-छोटी बातें समझाएं ताकि उनमें भी अच्छे गुणों का समावेश हो।
उन्होंने उत्तर प्रदेश, राजभवन और राज्यपाल के कार्य एवं दायित्व के बारे में बच्चों को बताते हुए कहा कि वे स्वयं एक छोटे से गाँव से आये हैं और अपनी पढ़ाई टयूशन पढ़ाकर और अखबार बेचकर पूरी की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए तकलीफ उठाने में संकोच न करें।
कार्यक्रम में जूही सिंह अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संस्था के बारे में बताया तथा सरकार द्वारा ऐसे बच्चों के लिए चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
वर्तिका सिंह ने कहा कि समाज के उपेक्षित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। उपेक्षित बच्चों के लिए काम करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों का भविष्य बनाकर समाज का ऋण वापस किया जा सकता है।
इस अवसर पर बच्चों ने राजभवन का भ्रमण किया। राज्यपाल ने बच्चों से यह अनुरोध किया कि राजभवन भ्रमण के अपने अनुभव उन्हें लिखकर भेंजे।