नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि 2022 तक ‘न्यू इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए राज्यों के राज्यपालों को महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होगा।
राष्ट्रपति भवन में 48वें राज्यपाल सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कोविंद ने कहा कि वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रीय लक्ष्य एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए हमें साथ मिलकर राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के उपाय करने होंगे। राज्यपालों को अपने राज्यों में सभी साझेदारों को इसके लिए उत्साहित और संपर्क स्थापित करना होगा।
कोविंद ने जोर देते हुए कहा कि इसके लिए केवल पांच साल का समय बचा है और भारत सरकार ऐसा समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो सुरक्षित, समृद्ध और सबके लिए अवसर मुहैया कराने के साथ विज्ञान व प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में अगुवा हो।
उन्होंने कहा कि 2017 से 2022 तक इन पांच वर्षो को न्यू इंडिया के निर्माण में लगाना है जो भ्रष्टाचार, अशिक्षा, कुपोषण, अस्वच्छ स्थितियों से मुक्त होगा। इस दो दिवसीय सम्मेलन में 27 राज्यों के राज्यपाल एवं केंद्रशासित प्रदेश के तीन उपराज्यपाल मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यों में विधायिका प्रणाली के महत्वपूर्ण भाग होने की वजह से राज्यपाल अपने राज्य के विकास के लिए विधायकों को जनकल्याण मुद्दे को लागू करने पर चर्चा के लिए राजभवन बुलाकर नए आयाम स्थापित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्यपालों एवं उपराज्यपालों के अपने अनुभव साझा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है।
कोविंद ने कहा कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं उपकुलपतियों, अकादमिकों, समाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण चर्चा कर सकते हैं और समाज एवं राज्य सरकार को बहुत कुछ दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा जब सभी राज्य मिलकर साथ काम करेंगे। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।
राज्यपालों को स्वच्छता का उदाहरण पेश करना चाहिए : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल समाज में बदलाव के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं और राज्यपालों को स्वच्छता का उदाहरण पेश करना चाहिए। राष्ट्रपति भवन में ‘राज्यपालों के सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा 2022 तक ‘न्यू इंडिया’ बनाने का लक्ष्य केवल इसे लोगों का आंदोलन बनाकर प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने राज्यपालों को इस संबंध में छात्रों और शिक्षकों से संवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया। मोदी ने कहा कि सभी राज्यपाल संविधान की पवित्रता बनाए रखते हुए समाज में बदलाव लाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल बैंकों को जनजाति, दलितों और महिलाओं को मुद्रा परियोजना के अंतर्गत 26 नवंबर ‘संविधान दिवस’ और छह दिसंबर ‘अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस’ के दिन ऋण देने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
राज्यपालों को स्वच्छता का उदाहरण बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का अवसर हमारे लिए खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरणा स्रोत है।
उन्होंने केंद्रशासित राज्यों के उपराज्यपालों को सौर ऊर्जा, सीधे लाभ हस्तांतरण और केरोसिन मुक्त राज्य बनाने की प्रक्रिया को दूसरे राज्यों से साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।