नई दिल्ली। सरकार ने श्रमिक संगठनों की दस सूत्रीय मांग पत्र को लेकर मजदूर नेताओं से बातचीत के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में एक पांच सदस्यीय मंत्रिस्तरीय समिति का गठन कर दिया है।
इस समिति में अन्य सदस्य श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान, ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह शामिल होंगे।
समिति को सचिवालय संबंधी सहयोग श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से दिया जाएगा। यह समिति श्रमिक नेताओं से मुलाकात करेगी और उनकी मांगों पर बातचीत करेगी।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ पर देश के सभी 11 मजदूर संगठनों के नेताओं ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 2 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इनमें केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की समर्थक रही भारतीय मजदूर संघ भी शामिल है।
इन संगठनों का आरोप है कि श्रम कानूनों में बड़े बदलाव करने का सरकार का एकमात्र लक्ष्य बड़ी संख्या में मजदूरों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर निकालना और मजदूर संगठनों के अधिकारों को कतरना है।
मजदूर संगठनों के मुताबिक कई राज्य सरकारों ने भी केंद्र के साथ सुर मिलाते हुये श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किए हैं जिससे नियोक्ताओं को मजदूरों शोषण का और अवसर मिल गया है।