नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार रोजगार सृजन तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है।
मंत्री ने ईटी नाउ के भारत आर्थिक सम्मेलन में कहा, ‘‘दो स्तरीय रणनीति है। हम सेवा तथा विनिर्माण दोनों पर ध्यान दे रहे हैं। विनिर्माण एवं सेवा दोनों के लिए रणनीति है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दोनों क्षेत्रों के लिए जरूरी कौशल विकास पर ध्यान दे रही है।
निर्मला ने कहा कि सरकार कौशल विकास पर ध्यान दे रही है और साथ ही जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी मौजूदा 13-14 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के लिए विनिर्माण आधार बढ़ाने के उपायों पर गौर कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय सेवा क्षेत्र पर भी ध्यान दे रहा है जिसका योगदान जीडीपी में 50 प्रतिशत से अधिक है।
निर्मला ने कहा कि भारत सेवा आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है और सरकार उसका आधार बढ़ा रही है।
विभिन्न देशों में बढ़ रहे संरक्षणवाद तथा भारत पर अर्थव्यवस्था को खोलने का दबाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने माना कि यह चुनौती होगी। ‘‘लेकिन यह बिल्कुल साफ है कि भारत तथा उसके सेवा क्षेत्र के बिना कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं आगे नहीं बढ़ सकती।’’
मंत्री ने कहा कि भारत पेशेवरों की आवाजाही की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए देशों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस दिशा में कुछ सफलता की उम्मीद है।’’
इसी कार्यक्रम में बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार के नोटबंदी के कदम का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि लोगों को पैसे के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है और कई बार उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा हैं, इसके बावजूद वे सरकार के फैसले की सराहना कर रहे हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘यह भारत में मनस्थिति में बदलाव को बताता है। यह बताता है कि भारतीय आज बड़े सुधारों के लिए तैयार हैं और कदम अगर देश के लिए अच्छा है तो इसके लिए थोड़ी असुविधा भी उठाने को राजी हैं।’’