नई दिल्ली। अधर झूल में लटकी दिल्ली विधानसभा के दिन एक माह और नहीं फिरेंगे। मंगलवार को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने ९ अक्ट्रबर तक के लिए सुनवाई टाल दी है। इससे दिल्ली में सरकार बनाने पर फैसला लेने के लिए उप राज्यपाल नजीब जंग को एक महीने की और मोहलत मिल गई है। सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई टलना आप पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्यों कि कोर्ट ने हाल में उसके द्वारा कराए स्टिंग आपरेशन पर्दाफाश को रिकार्ड पर लेने से भी इनकार कर दिया।….
सुप्रीमकोर्ट में सरकार की तरफ से वकील ने जवाब में कहा कि उपराज्यपाल ने दिल्ली में सरकार गठन के लिए कुछ सुझाव और विकल्प लिखित रूप में राष्ट्रपति को भेजे हैं जिनका जवाब अभी नहीं आया है। जवाब कब तक आएगा इसकी समय सीमा भी नहीं दे सकते। राष्ट्रपति की तरफ से जवाब आने का इंतजार है। इसलिए एक माह की मोहलत दीजिए। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई एक माह तक यानी ९ अक्टूबर तक टाल दी। हालांकि सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि सरकार बनाने के बारे में कार्रवाई जल्द हो ताकि विधायकों की खरीद फरोख्त रोकी जा सके। एक जज ने तो यहां तक टिप्पणी की कि इसे होर्स ट्रेडिंग नहीं बल्कि मेन्स ट्रेडिंग क्यों नहीं कहा जा सकता?
कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की कि हमने जो भी कहा है वह सब दिल्ली की जनता के हित में कहा है, फैसला आप को लेना है, सरकार बन सकती है तो बनवाएं नहीं तो फिर चुनाव कराएं ताकि जनता को बिना प्रतिनिधित्व के न रहना पड़े।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आप पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। वे सोमवार को पार्टी की तरफ से जारी किए गए स्टिंग की वीडियो कोर्ट को सौंपना चाहते थे। आप के वकील फाली एस नरीमन ने इस बारे में हलफनामा देने की बात कही तो कोर्ट ने यह कहते हुए स्टिंग को रिकार्ड में लेने से इनकार कर दिया कि अभी जिस स्थिति में मामला है उसमें इसे रिकार्ड पर नहीं किया जा सकता। कोर्ट का पूरा ध्यान पहले दिल्ली में सरकार गठन पर है। साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जरूरी नहीं कि अगली सुनवाई में भी स्टिंग पर सुनवाई हो पाए।
सुप्रीमकोरर्ट में दिल्ली में सरकार गठन को लेकर मामले की सुनवाई एक माह टलने से आप को करारा झटका लगा है। क्यों कि सरकार बनाने की कवायद में जुटी बीजेपी और राज्यपाल को अब पूरे एक माह की मोहलत मिल गई है। बहरहाल दिल्ली में सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति एक माह और बढ़ गई है।