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govt says Scorpene submarine data leak doesn't compromise security
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स्कॉर्पीन लीक मामले में सुरक्षा के साथ समझौता नहीं : रक्षा मंत्रालय

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स्कॉर्पीन लीक मामले में सुरक्षा के साथ समझौता नहीं : रक्षा मंत्रालय
govt says Scorpene submarine data leak doesn't compromise security
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govt says Scorpene submarine data leak doesn’t compromise security

नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरुवार को स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक मामले में कहा कि दस्तावेजों के लीक से भारतीय सुरक्षा को कोई ख़तरा नहीं है क्योंकि महत्वपूर्ण मापदंड सार्वजनिक नहीं हुए हैं।

रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि एक ऑस्ट्रेलियाई समाचार एजेंसी ने स्कॉर्पीन से सम्बंधित जिन दस्तावेजों को लीक किया है उसकी सरकार ने समीक्षा की है। इसमें महत्वपूर्ण मापदंड गुप्त रखे गए हैं जिसके चलते भारतीय सुरक्षा को कोई ख़तरा नहीं है।

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य में कहा था कि सरकार ने इस विषय पर कड़ा रुख अपनाया है और लीक से हुई हानि का आंकलन करने के लिए जांच की जा रही है।

एक ऑस्ट्रेलियाई समाचारपत्र में छपे इस लीक में फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस द्वारा भारतीय नौसेना के लिए बनाये जा रहे छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की लड़ाकू क्षमताओं के बारे में बताया गया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारतीय नौसेना ने यह मामला फ्रांस सरकार की आर्मामेंट के महानिदेशक के साथ उठाया है और चिंता व्यक्त की है।

वक्तव्य में कहा गया है फ्रांस सरकार से भी अनुरोध किया गया है कि इस मामले की शीघ्रता से जांच करें और उस जांच के परिणाम भारत सरकार के साथ साझा करें।

प्रक्रियाओं की एक आंतरिक लेखा परीक्षा भी की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हुआ है। इन रिपोर्टों की सच्चाई का पता लगाने के लिए बाकी विदेश सरकारों के साथ भी विचार विमर्श किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वक्तव्य में कहा गया है एहतियात के तौर पर भारत सरकार इस बात की भी जांच कर रही है कि दस्तावेजों की इस लीक का कितना असर हुआ है।

इस असर की जांच रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना द्वारा बनायी गई एक उच्च स्तरीय समिति कर रही है। सुरक्षा व्यवस्था के साथ किसी भी प्रकार के समझौते के शक को दूर करने के लिए सभी प्रकार के क़दम उठाए जा रहे हैं।