नई दिल्ली। सुषमा स्वराज ने सोमवार को राज्य सभा में सऊदी में फंसे बेरोजगार भारतीय नागरिकों के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार इस बात की जिम्मेदारी लेती है कि भारत का कोई भी श्रमिक अगर देश के बाहर बेरोजगार है तो वह भूखा नहीं सोएगा।
सुषमा ने कहा कि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह मंगलवार को सऊदी जाकर बेरोजगार हो चुके भारतीयों को स्वदेश लेकर आएंगे और वहां के विदेश एवं श्रम विभाग से बातचीत करके यह सुनिश्चित करेंगे कि इन लोगों का बकाया पैसा इन्हे स्वदेश लौटने के बाद भी मिले।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि सऊदी अरब में फंसे बेरोजगार भारतीयों को वापस लाने और उनका बकाया पैसा वापस दिलवाने के उद्देश्य से विदेश राज्य मंत्री वी.के सिंह मंगलवार को सऊदी जाएंगे।
सुषमा ने बताया कि ऐसी स्थिति में वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एक कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करने की बात कही गई है जिसके अनुसार सऊदी अरब सरकार जब भी इन कंपनियों के साथ मामले को निपटाए तो भारतीयों का बकाया वेतन पहले दिया जाए।
सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि वे जांच कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो जिन भी कंपनियों ने वेतन नहीं दिया है, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सऊदी में फंसे भारतीय कामगारों के मुद्दे को केंद्र सरकार ने तत्काल गंभीरता से लिया है। सरकार को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि वहां की कंपनी सऊदी ओजर में काम करने वाले लगभग 2450 भारतीय लोग पांच कैंम्पों में रह रहे हैं और उनको खाना नहीं मिल रहा है तो उन्होंने तुरत रियाद और जेद्दाह में भारतीय दूतावास को संपर्क किया और तुरंत उन्हे मुफ्त राशन वितरण करवाया।
सुषमा स्वराज ने कहा कि अब संतोष इस बात का है कि पांचों कैंम्पों में भोजन वितरित कर दिया गया है औऱ 7-10 दिन का राशन दे दिया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि केवल भोजन मुहैया कराने से ही जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है।
ये भारतीय वहां जिन कंपनियों में काम करते थे, वे बंद हो चुकी हैं और उनके नियोक्ता सऊदी अरब छोड़कर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार उन कर्मचारियों को बकाया वेतन दिलाने का प्रयास करेगी, जिन्हें कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया।