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नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले विधेयक को लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान फिर से पेश किया जाएगा। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान विधेयक को पारित कर दिया गया था लेकिन राज्यसभा ने इसमें कुछ संशोधन किए। दोनों सदनों में इस विधेयक के अलग प्रारूपों को पारित किए जाने के कारण इसे वापस लोकसभा में भेजा जाएगा।
राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्षी दल इस विधेयक को संशोधित करने में कामयाब रहे जिसके कारण सरकार को शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी थी।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के उन सांसदों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था, जो विधेयक पर मतदान के दौरान राज्यसभा में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने जानबूझकर अवैध संशोधन पर जोर दिया। उन्होंने कांग्रेस पर पिछड़े वर्गो के खिलाफ साजिश का भी आरोप लगाया था।
सूत्रों ने बाताया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के राष्ट्रीय आयोग के अनुरूप एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा देने के लिए अन्य पिछड़े वर्गों की सभी श्रेणियों द्वारा लंबे समय से की जा रही मांग के जवाब में पिछले सत्र में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया था। संसद के शीतकालीन सत्र के अगले महीने से होने की संभावना है।