दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 11वीं बार रेडियो पर ‘मन की बात’ की। इसमें उन्होने भूमि अधिग्रहण बिल का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्यों की तरफ से इस बिल में बदलाव करने के लिए सुझाव आए थे। सरकार उन सुझावों को मानने को तैयार है।
पीएम के मुताबिक इस बिल के लिए जो अध्यादेश जारी किया था, उसकी समयसीमा 31 अगस्त को खत्म हो रही है। इसे अब खत्म होने दिया जाएगा। फिर से ऑर्डिनेंस नहीं लाया जाएगा। मतलब मेरी जो सरकार बनी, उसके पहले जो कानून की स्थिति थी, वही बनी रहेगी। फर्क सिर्फ इतना है कि पुराने 13 बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। जमीन बिल के इन 13 बिंदुओं को नियमों के तहत रविवार से ही लागू किया जाएगा। इससे किसानों को तुरंत लाभ होगा।
पीएम ने 1965 की जंग के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने इस जंग में मिली जीत के लिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने रक्षाबंधन पर बहनों को सुरक्षा योजनाएं गिफ्ट करने की अपनी अपील को मानने के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया। इसके अलावा, गुजरात में हाल के दिनों में हुई हिंसा का जिक्र भी किया।
पीएम के भाषण के अहम बिंदु:
महाराष्ट्र सरकार को लंदन में भी बाबा साहब स्मारक बनाने के लिए बधाई।
वैज्ञानिकों से मिलने का भी मौका मिला। साइंस में हम बेहतरीन काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों से मिलना इंस्पायरिंग और इंस्पिरेशनल दोनों था। युवा साइंस में रुचि लें।
माता और बाल शिशु मृत्यु दर चिंता का विषय है। 24 देशों के विशेषज्ञों ने इस पर विचार किया है। जैसे हमने पोलियो से मुक्ति पाई वैसे ही माताओं और नवजात बच्चों को बचाना है।
डेंगू से बचाव बड़ा आसान है। घर में और आसपास सफाई से इसे रोका जा सकता है। मौत को सस्ता नहीं बनने देना चाहिए। स्वच्छता और त्योहार को जोड़ा जाना चाहिए।
डेंगू से बचाव आसान है। पानी को मौत की वजह नहीं बनने दिया जाना चाहिए।
छोटी नौकरियों में इंटरव्यू से छूट के नियम को जल्द ही लागू किया जाएगा।
1965 के युद्ध के पचास साल पूरे हुए हैं, लाल बहादुर शास्त्री का याद आना स्वाभाविक है।
पिछले दिनों सूफी परंपरा के लोगों से मिलने का मौका मिला। ऐसा लगा जैसे संगीत सुन रहा हूं। शायद इस्लाम के सही संदेश को दुनिया तक पहुंचाना सबसे जरूरी है।
जमीन बिल पर सरकार का मन खुला। अफसरशाही को कानून से बाहर निकालना होगा।
मैं ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहता जिससे किसान डरे हुए महसूस करें।”
हमने एक ऑर्डिनेंस जारी किया था, जिसकी डेडलाइन 31 अगस्त को खत्म हो रही है। इसे अब खत्म ही होने दिया जाएगा।
लैंड बिल पर सरकार का मन खुला है, मैं हर सुझाव को स्वीकार करने को तैयार हैं। राज्यों ने सुधार की बात की है। गांव में बिजली, स्कूल, रोजगार और सड़कों की सुविधाएं देनी हैं।
करीब 11 करोड़ लोगों ने बीमा योजनाओं को अपनाया। इसमें आधी महिलाएं हैं। अपील का असर हुआ।
किंग के लिए लिट्रेसी कैंप लगाए। केवल अकाउंट खोलकर रुकना नहीं है। गरीबों से अनुरोध है कि बैंक खाते बंद नहीं होने चाहिए।
जनधन योजना को लागू करने के लिए बैंकों ने जीजान से कोशिश की। अभी तक पौने 18 करोड़ खाते खोले गए।
मैंने गरीबों की अमीरी देखी, गरीबों ने बचत करके 22 हजार करोड़ की रकम जमा कराई है।
गांधी और पटेल की धरती पर हिंसा होना दुखद। गुजरात की घटना ने सबको बैचेन कर दिया। लेकिन बहुत कम समय में गुजरात के प्रबुद्ध लोगों ने हालात को संभाल लिया। विकास के मार्ग पर कंधा से कंधा मिलाकर चलना है।