चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कर्मचारी संगठनों की हड़ताल के बीच जी माधवन कमेटी की सिफारिशों को लागू कर दिया है। कमेटी की सिफारिशों के लागू करने से 60,000 से अधिक कर्मचारियों को 76 करोड़ रुपए वार्षिक का लाभ होगा।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने उन पदों को सुनिश्चित आजीविका प्रगति (एसीपी) ग्रेड पे प्रदान करने पर वृद्घि लाभ की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिनका वेतनमान/ग्रेड पे व्यक्तिगत आदेशों या सांझा आदेशों के द्वारा 1 जनवरी, 2006 के बाद बढ़ाया गया था। इससे लगभग 55,000 कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि स्वीकार की गई अन्य मुख्य सिफारिशों में नई नियुक्ति के प्रवेश वेतन और उसी पद पर पदोन्नत कर्मचारी के वेतन की विसंगति को दूर करना शामिल है। इससे 5,000 से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों के कुछ पदों के कार्यात्मक(फंक्शनल) ग्रेड पे को बढ़ाने के संबंध में 28 अगस्त, 2014 के आदेश के क्रियान्वयन के कारण उत्पन्न विसंगति को भी दूर कर दिया गया है। इससे 200 से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। ये कर्मचारी सातवें वित्त आयोग के लाभ प्राप्त करने के भी पात्र होंगे।
कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 अप्रैल, 2015 की आउटसोर्सिंग नीति के भाग-॥ के तहत सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लगे सभी कर्मचारियों को एक कलैण्डर वर्ष में 10 दिन का आकस्मिक अवकाश और 10 दिन का मेडिकल अवकाश देने का भी निर्णय लिया है।
प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार को कर्मचारियों के हित में अनेक निर्णय लेने वाली कर्मचारी-हितैषी सरकार बताते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि इसके विपरीत पूर्व कांग्रेस सरकार ने कभी भी कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया और मात्र वोट प्राप्त करने के लिए विधानसभा चुनावों से पूर्व वेतन विसंगति आयोग गठित कर दिया था।
राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार ने ही कर्मचारियों के हित में इस आयोग के कार्य को तेज किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जी.माधवन की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति आयोग ने 10 मार्च, 2016 को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।