पटना। रविवार को एकजुटता दिखाने के लिए राजधानी पटना में बुलाई गई महागठबंधन की साझा प्रेसवार्ता में तीनों पार्टियों के नेता आपस में ही एक-दूसरे से उलझ गए।
साझा प्रेसवार्ता का मकसद था विपक्ष को अपनी ताकत का अहसास कराना परंतु 2019 में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर महागठबंधन के नेता आपस में ही भिड़ गए।
महागठबंधन नेताओं ने सबसे पहले बाढ़ में केंद्रीय मदद न मिलने पर मोदी सरकार को खरी खोटी सुनाई लेकिन जैसे ही सवाल 2019 में पीएम कैंडिडेट का आया बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और नीतीश मंत्रिमंडल में मंत्री अशोक चौधरी ने दो टूक शब्दों में घोषणा कर दी कि 2019 में केवल राहुल गांधी ही पीएम कैंडिडेट होंगे।
कांग्रेस के इतना कहते ही जदयू सकते में आ गया। जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कांग्रेस के इस दावे को 2019 में वक़्त होने का हवाला देकर टाल कर प्रेस कांफ्रेंस से निकल गए। उन्होंने कहा कि अभी 2019 चुनाव काफी दूर हैं। अभी समय हैं, इंतजार कीजिए।
जब इस बारे में राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से पत्रकारों ने प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि हमलोग अभी इस मुद्दे पर विचार नहीं कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय नेता 2019 के चुनाव गठबंधन के आधार पर लड़ेंगे। सरकार का कौन प्रधानमंत्री उम्मीदवार होगा उस समय तय किया जाएगा।
महागठबंधन के तीनों प्रदेश अध्यक्षों के जरिये महागठबंधन द्वारा एकजुटता दिखाने की सारी पहल 2019 में पीएम उम्मीदवारी के सवाल पर औंधे मुंह जमीन पर आ गिरी और कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक ने नीतीश के मिशन 2019 वाली गेंद पर जोरदार शॉट जड़ दिया है।
उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि वो कांग्रेस में हैं तो ऐसा बोलेंगे ही।