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gravitational waves : from discovery of the year to science of the century
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गुरुत्व तरंगों की खोज और कृत्रिम बुद्धिमता ने बनाया 2016 को खास

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गुरुत्व तरंगों की खोज और कृत्रिम बुद्धिमता ने बनाया 2016 को खास
gravitational waves : from discovery of the year to science of the century
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नई दिल्ली। साल 2016 जहां यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने और अमरीका में डॉनल्ड ट्रम्प के चुने जाने और भारत में नोटबंदी के लिए जाना जाएगा।

वहीं यह वर्ष विज्ञान में नई खोजों के लिए भी जाना जाएगा जिसमें गुरत्व तरंगों की प्रमाणिता और कृत्रिम बुद्धिमता के अपने को इंसान से बेहतर साबित करना शामिल है।

गुरुत्व तरंगों का अर्थ है ऐसी तरंगें जो समय और आयाम दोनों को प्रभावित करते हुए आगे बढ़ती हैं। 100 साल पहले आइंस्टाइन ने इसके होने की बात कही थी, लेकिन 2016 में इसे वैज्ञानिक तौर पर प्रामाणिक माना गया।

इससे विज्ञान की भी क्षमताओं की परीक्षा हुई जहां समय और आयाम में एक फोटोन(प्रकाश का कण) से भी 10 हजार गुना छोटे परिवर्तन को भी मशीनों से मापा गया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

2016 में विश्व के निर्माण के बुनियादी घटक यानि परमाणुओं की खोज का भी साल रहा। इस साल चार नए तत्व पिरियोडिक टेबल में शामिल किए गए। इन्हें निहोनियम(Nh), मोस्कोवियम (Mc), टेननेससिने(Ts) और ओगानेससोन (Og) कहा गया। जिनका परमाणु भार क्रमश: 113,115,117 और 118 है।

हालांकि पिरियोडिक टेबल को पूरा करने और सभी तत्वों को जानने की खोज अभी भी जारी है। यह साल रोबोट और अपने आप चलने वाली गाड़ियों के विकास को भी समर्पित रहा।

माना जा रहा है कि इससे उन क्षेत्रों में मशीनों का प्रवेश होगा जो अभी तक मनुष्य के कार्यक्षेत्र में थे। इससे माना जा रहा है कि रोजगार कम होगा। दूसरी ओर यह भी दर्शाया जा रहा है कि उत्पादन बढ़ेगा और आर्थिक विकास होगा।

साथ ही लोगों के पास खर्चने के लिए ज्यादा धन होगा। यह वर्ष पोकीमोन के लिए भी जाना जाएगा। एक ऐसी वर्चुअल रियालिटी गेम जिसने थोड़े समय में ही स्मार्ट फोन की दिग्गज एप्लीकेशन को पछाड़ दिया। इस गेम ने दुनियाभर में शोहरत पाई।

हालांकि इसकी आलोचना भी हुई। इसी साल जनवरी और मार्च में गूगल की कंपनी डीप माइंड के कृत्रिम बुद्धिमत्ता सोफ्टवेयर ने जापान के पुराने खेल गो में उसके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ली सिडोल को पराजित कर दिया। इसने यह साबित कर दिया कि भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमता क्या कर सकती है और इंसान इसके सामने बौना होता जा रहा है।

इस साल हमने ब्रह्माण्ड में अपने सबसे करीबी तारे प्रोक्सिमा सेन्चुअरी के पास एक पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की। उसकी पृथ्वी जैसी परिस्थितियों ने एक बार फिर सवाल उठाया कि क्या हम ब्रह्माण्ड में अकेले हैं या हमारी जैसी कुछ ओर भी सभ्यताएं हो सकती हैं।