जयपुर। मेवाड़ के कद्दावर नेता गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया को उनके विरोधियों ने अपने ही गृह क्षेत्र उदयपुर में घेर लिया है।
कटारिया पर संगठन चुनावों में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विरोधियों ने पार्टी प्रदेश नेतृत्व सहित केन्द्रीय आलाकमान तक शिकायत भेजी है। खास बात यह कि आरोप लगाने वालों में वे लोग अगुवाई कर रहे हैं, जो खुद संघ परिवार से नजदीकी नाता रखते हैं। इससे भी कटारिया उदयपुर में अलग थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।
खास बात यह कि मामला प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री तक की जानकारी में आ चुका है, लेकिन कटारिया के बचाव में अब तक कोई वरिष्ठ नेता आगे नहीं आया है। विरोधी गुट ने राजनीति से परे कटारिया पर कानून व्यवस्था के मामले उठाकर कटारिया को घेरा है।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भानू कुमार शास्त्री ने तो लिखित बयान में कटारिया को आनंदपाल मामले में नाकाम बता दिया। कटारिया विरोधियों की अगुवाई पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भानू कुमार शास्त्री कर रहे हैं। शास्त्री का आरोप है कि संगठन चुनावों में कटारिया अपने रूतबे का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
संगठन चुनावों में ऐसे लोगों की पैरवी कर रहे हैं जो भ्रष्ट हैं। निकाय चुनावों के दौरान भींडर नगरपालिका में भाजपा की शर्मनाक हार के लिए कटारिया को दोषी बताया गया है।
इसी तरह जिला प्रमुख चुनावों में भी कटारिया ने गड़बड़ की। विरोध खेमे के नेताओं में धर्मनारायण जोशी, मांगीलाल जोशी, पूर्व उप महापौर महेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व उप सभापति वीरेन्द्र बाफना सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
इन नेताओं का आरोप है कि कटारिया शहर जिला इकाई में अपने मनमाने तरीके से चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवा रहे हैं और देहात में संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हो रहे चुनावों को रद्द कराने का दबाव बना रहे हैं।
भाजपा नेताओं की शिकायत पर शास्त्री ने प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और प्रदेश चुनाव प्रभारी श्याम सुन्दर शर्मा से फोन पर बात की और उन्हे चुनाव में हो रही गड़बडिय़ों से अवगत कराया। शास्त्री ने जिले में हो रहे संगठन के चुनावों को रद्द करने की मांग की।
गौरतलब है कि मेवाड़ की राजनीति में दो कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा और जल संसाधन मंत्री किरण माहेश्वरी भी कटारिया विरोधी खेमे में गिने जाते रहे हैं। कई सार्वजनिक मौकों पर मीणा और माहेश्वरी कटारिया पर आरोप लगा चुके हैं।