नई दिल्ली। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं यथा-आतंकी हमलें, घुसपैठ, सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमापार से निरंतर गोलीबारी में वृद्दि हुई है। साथ ही इन घटनाओं में मारे गए या घायल हुए सुरक्षा कार्मियों एवं नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं की बढ़ती संख्या के संदर्भ में पूछे गए सवालों के जवाब में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी लोकसभा में बताया कि 2014 के बाद राज्य में आतंकी घटनाओं की संख्या तथा उन घटनाओं में मारे एवं घायल हुए सुरक्षा कार्मियों, नागरिकों की संख्या में तेजी से वृद्दि हुई है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक 2014, 2015 एवं फरवरी-2016 तक राज्य में क्रमशः 222, 208 और 21 आतंकवादी घटनाएं हुई, वही इन घटनाओं में उपरोक्त वर्षों के दौरान क्रमशः 47,39 और 7 सुरक्षा कर्मी तथा 28,17 और 1 नागरिक की मौत हुई।
राज्य में जारी शांति को बाधित करने के आतंकवादियों के प्रयासों को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रयासों के सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री चौधरी ने बताया कि राज्य में नागरिकों की सामाजिक-आर्थिक समस्यों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए केन्द्र की सहायता से प्रशासन द्वारा कई उपाय किए जा रहे है।
साथ ही युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने की नीतियों को बढ़ावा देते हुए उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की नीति पर सरकार काम कर रही है। सीमा पार घुसपैठ को रोकने के लिए केन्द्र सरकार बहुआयामी नीति पर काम कर रही है, जिसमें सीमा प्रबंधन का मजबूतीकरण, सीमा पर बाड़ का निर्माण, सुरक्षा बलों के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी जैसी नीति शामिल है।