सबगुरु न्यूज-सिरोही। इस साल मूसलाधार बारिश देखने वाले सिरोही वासियों ने 2015 की बारिश भी देखी है। उस समय बारिश भले ही कम हुई थी, लेकिन नुकसान ज्यादा हुआ था। जनसेवाएं भी बाधित हुई थी। मकानों को नुकसान हुआ है। वहीं तीन नए बने हुए पुलों का ढह जाना शंका के दायरे में आता है। चंडेला में एक अधेड और नितोडा में एक महिला के जल धारा में बहकर गुमशुदा होने की सूचना है।
एडीएम जवाहर चैधरी ने बताया कि बारिश भले ही तेज है, लेकिन बिजली और जल आपूर्ति सेवा के उपकरणों को नुकसान कम हुआ है। उन्होंने बताया कि ऐसा बारिश के साथ हवा नहीं होने के कारण हुआ है।
वर्ष 2015 में जो नुकसान हुआ था उसके पीछे प्रमुख कारण लगातार बारिश के साथ तेज हवा का बहना भी था। माउण्ट आबू ही तीन दिन से ज्यादा अंधेरे में डूबा रहा। इस बार बारिश के कारण विद्युत ट्रांसफार्मर, जीएसएस आदि के जल प्लावित होने के कारण विद्युत आपूर्ति जरूर रोकी गई है, लेकिन खम्भों के तेज हवा से टूटने, फाॅल्ट आने से बिजली आपूर्ति बाधित नहीं हुई है। माउण्ट आबू, सरूपगंज, शिवगंज, रेवदर समेत कई इलाकों में जीएसएस और ट्रांसफार्मर के पानी में डूब जाने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित रही।
-भ्रष्टाचार की भेंट तो नही चढे दो पुल
सिरोही में बहुत बारिश देखी है, लेकिन रपटें भी इस तरह से धराशायी नहीं हुई थी, जिस तरह से दो पुल सोमवार को बह गए। वो भी पुराने और जर्जर पुल नहीं नए पुल जिनमें से एक का तो उद्घाटन भी नहीं हुआ बताया का रहा है। आबूरोड से निचलागढ जाने वाले रास्ते पर बत्तीसा नाले के पुल बह गया।
वहीं जावाल-बरलूट के बीच बना पुल भी सोमवार शाम को कृष्णवती नदी के बहाव में ढह गया। इससे इस मार्ग से जालोर जाने का रास्ता बंद हो गया। सूचना मिलने माउण्ट आबू एसडीएम सुरेश ओला ने निचलागढ मार्ग के पुल का निरीक्षण किया।
वहीं जिला कलक्टर ने जिला प्रमुख के साथ जावाल-बरलूट के मध्य ढहे पुल का अवलोकन किया। रात्रि में सिरोही विधायक और गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने भी यहां अवलोकन किया। उधर नक्की झील के किनारे सडक ढह गई है।