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जीएसटी का सच : बीजेपी की अजमेर इकाई ने संभाला मोर्चा - Sabguru News
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जीएसटी का सच : बीजेपी की अजमेर इकाई ने संभाला मोर्चा

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जीएसटी का सच : बीजेपी की अजमेर इकाई ने संभाला मोर्चा
GST Awareness Campaign by Ajmer BJP
GST Awareness Campaign by Ajmer BJP
GST Awareness Campaign by Ajmer BJP

अजमेर। जीएसटी को लेकर देशभर में बने असमंजस के माहौल को देखते हुए सत्तारूढ बीजेपी की स्थानीय इकाइयां भी सक्रिय हो गई है। इसी क्रम में शुक्रवार को भाजपा की अजमेर इकाई की ओर से व्यापारियों के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया।

जीएसटी के बारे में छोटे, मंझले व बड़े व्यापारियों सहित प्रत्येक वर्ग को इसके प्रावधानों के बारे में बताने तथा शंका समाधान के लिए शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, जोइंट कमिश्नर दिनेश गुप्ता, डिप्टी कमीश्नर छोटू सिंह रावत, सहायक कमीश्नर श्रवण आर्य, महेन्द्र सिंह राठौड़, एसटीओ कवित चण्डक व शारदा यादव समेत कई विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य कंवल प्रकाश ने बताया कि माला को मोती के रूप में जोड़कर भाजपा ने एक ही मंच से सरकार, शासन, प्रशासन, चार्टेड अकाउटेंट व व्यापारियों के बीच में तालमेल बने तथा लोगों की शंकाओं का समाधान किया है।

GST Awareness Campaign by Ajmer BJP
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शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि व्यापारी हमारा अंग है और आर्थिक व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी का काम करते है। देश के प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ के रूप में जो यह जीएसटी दिया है। इससे देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था में इजाफा होगा। जीएसटी को लेकर जो भ्रांतियां बाजार में फैलाई जा रही है वह अनुचित है। बीजेपी व सरकार प्रयास कर उन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जुटी है।

जोंइट कमिश्नर गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों की समस्या समाधान तथा उन्हे जानकारी मुहैया कराने सम्बन्धित समस्याओं का निवारण किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी नई तकनीक के साथ व्यापारी को पूर्ण सहयोग करेंगे।

कविता चण्डक ने वेट व जीएसटी में अंतर की जानकारी देते हुए बताया कि 1 जुलाई से बिल बुक का नम्बर एक से प्रारम्भ हो गया। इस बारे में व्यापारियों को सभी जानकारियां ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध हैं। उन्हों बताया कि 20 लाख रूपए तक यानि रोजाना 5 हजार रूपए तक की बिक्री करने वाले व्यापारी को जीएसटी के नम्बर लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

बड़े व्यापारियेां के लिए साल में कुल 12 व एक वार्षिक रिटर्न ऑनलाइन भरना होगा। 36 रिटर्न की भ्रामक जानकारियां बाजार में गलत तरीके से फैलाई जा रही है। व्यापार में की गई बिक्री के एकत्रित किए गए जीएसटी को अगले माह की 20 तारीख तक जमा कराना होगा। यदि आप एग्जामटेड आईटम की बिक्री कर रहे है तो उस पर कितनी भी बिक्री होने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और रजिस्ट्रेशन भी कराने की आवश्यकता भी नहीं है।

शारदा यादव ने कहा कि मंझले व्यापारियों के लिए कम्पोजिशन स्कीम यानी सालाना जो व्यापारी 75 लाख यानि रोजाना 5 हजार से 20 हजार रूपए तक की बिक्री कर रहा है। उसे कम्पोजिशन स्कीम के जरिये व्यापार के लिए 1 प्रतिशत, मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 2 प्रतिशत व सर्विस या अन्य के लिए 5 प्रतिशत का ही टैक्स चुकाना होगा। जिसकी क्वाटरली ऑन लाईन चालान देने होंगे।

चार्टेर्ड अकांउटेंट अंकित सेामानी ने कहा कि विभाग ने 4 श्रेणी में टैक्स को डाला है। लोगों को सरलीकरण करने के लिए हम व्यापारियों के बीच जाकर शंका समाधान कर रहे है। व्यापारियों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा 20 लाख रूपए तक की बिक्री करने वाले व्यापारियेां को जीएसटी से बाहर रख कर एक उचित कदम उठाया है।

ऐसे व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता नहीं है साथ ही 75 लाख रूपए तक की कम्पोजिशन स्कीम से व्यापारियों में राहत महसूस हो रही है। अब इनके सरलीकरण के लिए हम कार्य कर रहे है।

जीएसटी को लेकर कुछ व्यापारियों ने सवाल किए उनका जवाब भी अधिकारियों ने दिया। इस मौके पर हेमराज कोठारी, रमेश खण्डेलवाल, विष्णु अग्रवाल, मनमोहन सिंह, जमनालाल मोटवानी, भगवानदास, रमेश भगतानी, जयकुमार पड़ाव, नितिन मेहता, मनोज, मोती मुखी, मधुसुदन मेहरा, बालिश कुमार, कमल अभिचंदानी, सीताराम शर्मा, विष्णु मंगल, रूपा, दिलीप मुंदड़ा, राजू उदयरानी, पड़ाव, केसरगंज, स्टेशन रोड़, मदार गेट व डिग्गी बाजार के व्यापारिक मण्डलों के आदि व्यापारी मौजूद रहे।