नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और समझा जाता है कि उन्होंने संसद में लंबित जीएसटी विधेयक समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
मुलाकात के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक बैठक में जीएसटी बिल समेत अन्य लंबित विधेयकों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। बैठक में शीर्ष मंत्री उपस्थित। बैठक करीब 45 मिनट तक चली।
मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अपनी चिंताओं से जुडे तीन मुद्दों पर आंतरिक चर्चा पूरी कर ले, उसके बाद सरकार नये सिरे से विपक्षी दल से संपर्क साधेगी. पिछले साल सत्ता में आने के बाद से मोदी ने पहली बार मुख्य विपक्षी दल से सीधा संपर्क साधा है। उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र में सुगम कामकाज के उद्देश्य से ऐसा किया।
मोदी ने मनमोहन और सोनिया को शुक्रवार को अपने आवास पर चाय पर बुलाया था जहां संसद के समक्ष लंबित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता हुई और खासतौर पर पिछले दो संसद सत्रों से लंबित कई विधेयकों पर चर्चा हुई। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। पौन घंटे तक चली बैठक के बाद जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने तीन मुद्दों को लेकर अपना रख रखा।
कांग्रेस की तीन आपत्तियों में संविधान विधेयक में प्रस्तावित 18 प्रतिशत की दर को स्पष्ट करने की मांग, वस्तुओं की राज्यों के बीच आपूर्ति पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर पर आपत्ति और पांच साल के लिए राजस्व घाटे के लिए राज्यों को शत प्रतिशत मुआवजे की मांग शामिल हैं।
जेटली ने कहा कि इस विधेयक के इतिहास और पृष्ठभूमि तथा इन मुद्दों पर सरकार के जवाब पर उन्हें विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी के भीतर विचार-विमर्श करेंगे और पार्टी के भीतर उनके विचार-विमर्श के बाद इस विषय पर सरकार और उनके बीच नये सिरे से बातचीत होगी। हमने उनकी ओर से रखे गये रख पर भी विचार किया है।
जेटली ने कहा कि नायडू दोनों सदनों में कांग्रेस के नेताओं से संपर्क में रहेंगे और संसद में लंबित विशेष विधेयकों पर चर्चा करेंगे ताकि अगले सप्ताह काम आगे बढ सके.विधेयक राज्यसभा में अटका है जहां भाजपा नीत राजग के पास इसे पारित कराने के लिहाज से पर्याप्त संख्या बल नहीं है।