नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लक्जरी वाहनों और एसयूवी पर जीएसटी उपकर को मौजूदा 15 फीसदी से 25 फीसदी करने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इससे महंगी कारों की कीमतें बढ़ जाएंगी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अध्यादेश लागू करने का सिफारिश भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि लक्जरी कारों पर उपकर में वृद्धि का फैसला जीएसटी परिषद द्वारा लिया गया है। जेटली ने कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने से लक्जरी वाहनों की कीमत में काफी कमी आ गई थी।
उन्होंने कहा कि किसी भी कर नीति का उद्देश्य लक्जरी सामानों को सस्ता बनाना नहीं होता। इसके बजाए आम आदमी के इस्तेमाल की चीजों को सस्ता बनाना चाहिए, न कि किसी लक्जरी वस्तु को।
वर्तमान में जीएसटी के अंतर्गत लक्जरी कारों और एसयूवी वाहनों पर उपकर के साथ 28 फीसदी कर लग रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी दरों में कमी की कोई संभावना है? जेटली ने कहा कि यह एक नया प्रयोग है और काफी समय तक इसके पैटर्न को देखना होगा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद विशेषज्ञ सलाह देती है। कराधान का इष्टतम स्तर ध्यान में रखा जाना चाहिए। मैं दरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करूंगा। यह एक प्रयोग है, जो सही तरीके से शुरू हुआ है। कर संग्रहण उत्साहजनक है। हम इसकी प्रगति पर नजर रख रहे हैं। इसका लक्ष्य यह है कि जो कर नहीं दे रहे हैं, वे भी कर देना शुरू कर दें।
जीएसटी (राज्य मुआवजा) अधिनियम 2017 की अनुसूची में संशोधन करने के लिए इस अध्यादेश की जरूरत थी, जो वर्तमान में लक्जरी वाहनों और एसयूवी पर अधिकतम 15 फीसदी उपकर लगाने की अनुमति देता है।