नई दिल्ली। हर तरह के एलपीजी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधीन लाने के साथ ही आने वाले माह से आम नागरिकों को घरेलू एलपीजी सिलिंडर के लिए अब अधिक कीमत चुकानी होगी।
एक जुलाई से देशभर में लागू हो चुके जीएसटी के तहत चूंकि पेट्रोलियम को नहीं रखा गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने उसी दिन स्पष्ट कर दिया था कि घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी जीएसटी के तहत कर के दायरे में होगा, जो अब जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में प्रभावी हो चुका है।
एपीजी को सबसे निचले स्लैब पांच फीसदी कर के तहत रखा गया है। जीएसटी लागू होने से पहले अधिकतर राज्य एलपीजी पर कर नहीं लगाते थे, जबकि कुछ राज्य 2-4 फीसदी के बीच वैट लगाते थे। वहीं घरेलू एलपीजी पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क नहीं लगता था।
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अब जीएसटी लागू होने के बाद जिन राज्यों में जीएसटी पर कोई कर नहीं था, वहां प्रति सिलिंडर एलपीजी की कीमत 12 से 15 रुपए बढ़ जाएगी।
वहीं जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत घट गई है, क्योंकि इसे जीएसटी के तहत 18 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है।
इससे पहले, वाणिज्यिक एलपीजी पर 22.5 फीसदी कर लगाया जाता था, जिसमें उत्पाद शुल्क के रूप में आठ फीसदी और 14.5 फीसदी का वैट शामिल था।
जीएसटी लागू होने से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां वाणिज्यिक एलपीजी का एक सिलिंडर 1,121 रुपये में मिलता था, वहीं जीएसटी लागू होने के बाद अब यह 1,052 रुपये में मिलेगा।
वाणिज्यिक एलपीजी को जीएसटी के तहत 18 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखने का मतलब है कि ऑटो रिक्शा वालों के लिए भी एलपीजी ईंधन सस्ता हो जाएगा।