नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने वस्तुओं और सेवाओं की संभावित दरें पेश की है। जीएसट के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई जीएसटी परिषद में इसके लागू होने से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई पर सहमति बन गई है। इसके लिए आधार वर्ष 2015-16 होगा तथा जीएसटी दर की घोषणा आज की जा सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई। पहले दिन की बैठक के बाद जेटली ने कहा कि क्षतिपूर्ति के मुद्दे का समाधान हो गया है और जीएसटी से जिन-जिन क्षेत्रों में राजस्व नुकसान होगा उसकी भी पहचान कर ली गई है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से जुड़े हर मुद्दे का समाधान जीएसटी परिषद को ही करना है और परिषद के समक्ष दरों से संबंधित पांच ढांचों के विकल्प पेश किए गए हैं। लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी के साथ ही अधिभार लगाने पर विचार हो रहा है। जीएसटी दर पर आज सहमति बनने और घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
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इस बीच केरल के वित्त मंत्री टी.एम. थॉमस इसाक ने बैठक के बाद कहा कि जीएसटी दर के चार स्लैब पर चर्चा हो रही है। परिषद में राज्यों की क्षतिूपर्ति पर सहमति बन गई है और इसका आधार वर्ष 2015-16 होगा। सूत्रों ने कहा कि परिषद को जीएसटी दर के संबंध में विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। कर योग्य सभी वस्तुओं के लिए जीएसटी दर 20 से 25 फीसदी तक हो सकती है लेकिन कुछ वस्तुएं उच्चतम दर 26 प्रतिशत के दायरे में रह सकती हैं।
राज्यों द्वारा जीएसटी लागू होने पर राजस्व नुकसान को लेकर जताई जा रही चिंताओं के मद्देनजर केन्द्र जीएसटी दर पर राज्यों की रजामंदी को लेकर ऐसा प्रस्ताव कर सकता है। ऐसा समझा जा रहा है कि जीएसटी की मानक दर 18 फीसदी ही रखने पर सहमति बन सकती है, हालांकि राज्यों ने इसे 22 फीसदी पर रखने का प्रस्ताव किया था। जीएसटी दर को लेकर चार स्लैब बनाने पर विचार किया जा रहा है जिसमें उच्चतम दर वाला स्लैब 26 फीसदी हो सकता है।
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हालांकि, सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम् की समिति ने विलासिता की वस्तुओं के साथ ही महंगी कारों, पान मसाला, विभिन्न तरह के पेय पदार्थों, तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर अधिकतम 40 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव किया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महंगी कारें और विलासिता की वस्तुओं पर 26 फीसदी कर लगाया जा सकता है। उन्होंने लक्जरी कारों के लिए 26 फीसदी से अलग भी स्लैब बनाये जाने की संभावना जताई है जिसमें जीएसटी दर 40 प्रतिशत भी हो सकती है या अधिभार लगाया जा सकता है।