जयपुर। राज्य विधानसभा का संक्षिप्त सत्र गुरूवार से शुरू होगा। सत्र में मुख्य तौर पर जीएसटी बिल का अनुमोदन किया जाएगा। अन्य कोई मुख्य बिल फिलहाल केबिनेट ने मंजूर नहीं किया है और सम्भावना यही है कि यह सत्र दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं चलेगा। हालांकि छोटा रहने के बावजूद यह सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है।
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी बिल को लागू करने के लिए इसे 50 प्रतिशत विधानसभाओं द्वारा पारित किया जाना है और राज्य विधानसभा का यह सत्र मुख्य रूप से इसी को समर्पित रहेगा। इसके लिए संकल्प दो सितम्बर को लाए जाने की सम्भावना हैं।
फिलहाल किसी और मुख्य बिल के आने की सम्भावना नहीं है, हालांकि कुछ संशोधन बिल पारित किए जा सकते है। सत्र का एजेंडा एक सितम्बर को होने वाली कार्य सलाहकार समिति में तय किया जाएगा, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह सत्र दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं चलेगा क्योंकि इस बार कई ऐसे मुद्दे है जिन पर सरकार को विपक्ष ही नहीं अपने विधायकों को सामना भी करना पड सकता है।
कांग्रेस सरकार को जयपुर में गायों की मौत, कुछ समय पहले मानसिक विमंदित गृह में बच्चों की मौत, जयपुर में मैट्रो के लिए हटाए गए मंदिर, बाढ़ से नुकसान और कानून व्यवस्था के हालात पर घेरने की बात कह चुकी है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का कहना है कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है और ऐसे हालत में सरकार को हम इन सब मुद्दों पर घेरेंगे।
सत्तारूढ भाजपा को कांग्रेस के साथ ही अपने कुछ विधायकों के तीखे रूख का सामना करना पड सकता है। असंतुष्ट विधायक घनश्याम तिवाडी पहले ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की चेतावनी दे चुके है। इसके अलावा कई ऐसे विधायक हैं जो काम न होने या सरकार में कोई अहम पद नहीं मिलने से नाराज हैं और उनकी नाराजगी भी सत्र के दौरान सामने आ सकती है।
सत्र के लिए करीब डेढ हजार प्रश्न सूचीबद्ध किए जा चुके है और इनमें से सरकार को परेशानी में डालने वाले कई प्रश्न भाजपा विधायकों की ओर से ही लगाए गए हैं।