अहमदाबाद। भारतीय जनता पार्टी को गुजरात में उस वक्त एक और झटका लगा जब एक अन्य पटेल (पाटीदार) नेता ने उससे अलग होने की घोषणा की। उत्तरी गुजरात के एक पाटीदार नेता नेता द्वारा भाजपा पर एक करोड़ रुपए देने का आरोप लगाए जाने के कुछ घंटे बाद सोमवार को पाटीदारों के एक अन्य नेता निखिल सवानी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
राज्य की भाजपा सरकार ने पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) को कुछ आश्वासन दिए थे जिसके बाद निखिल सवानी दो सप्ताह पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए सवानी ने कहा कि उन्हें अहसास हुआ है कि भाजपा पाटीदार समुदाय को हल्के में ले रही है और वह लंबे समय तक पार्टी में नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि भाजपा पाटीदारों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर रही है और उन्होंने जो देने का वादा किया है वह सिर्फ एक लॉलीपॉप है।
रविवार की रात को उत्तरी गुजरात के पीएएस संयोजक नरेंद्र पटेल ने भाजपा में शामिल होने के दो घंटों के बाद ही उसे एक बड़ा झटका दिया। उन्होंने रुपयों के बंडल दिखाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें यह पैसा दिया है और एक करोड़ में खरीदने की कोशिश की है।
नरेंद्र पटेल ने कहा कि शनिवार की शाम को भाजपा से जुड़ने वाले वरुण पटेल रविवार को उन्हें गुजरात भाजपा के अध्यक्ष जीतूभाई वाघानी और अन्य नेताओं से मिलाने के लिए ले गए जहां उन्हें 1 करोड़ रुपए के सौदे के एक हिस्से के रूप में 10 लाख रुपए दिए गए।
नरेंद्र पटेल ने पिछले महीने उत्तर गुजरात के पाटन में हार्दिक पटेल और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया था। उनका रिश्वतखोरी का आरोप दो पाटीदार नेताओं के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद आया।