नई दिल्ली। भाजपा ने मंगलवार को एक नए मत सर्वेक्षण के निष्कर्षो को यथार्थ से परे बताते हुए खारिज कर दिया। जबकि, कांग्रेस ने कहा कि गुजरात में लोग भाजपा को हटाने का मन बना चुके हैं।
इस सर्वेक्षण में कांग्रेस को बहुत तेजी से आगे बढ़ते हुए व गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के काफी करीब आते बताया गया है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि बीते अगस्त व अक्टूबर के दो सर्वेक्षणों की तुलना में इस सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच लोकप्रियता का अंतर घटा है।
कांग्रेस ने यह कहते हुए सर्वे के निष्कर्षो का स्वागत किया है कि गुजरात के मतदाताओं ने पहले ही भाजपा को सरकार से बाहर करने के लिए वोट करने का फैसला कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने आईएएनएस से कहा कि गुजरात माडल की पोल खुल चुकी है। इसीलिए नर्वस भाजपा व नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर उतर आए हैं।
लोकनीति-सीएसडीएस द्वारा किया गया यह सर्वेक्षण बीते सप्ताह नवंबर में 3,655 मतदाताओं के बीच 50 निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया है।
इसमें कुछ आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए हैं, जिसमें सबसे बड़ा यह है कि कांग्रेस की लोकप्रियता उन मतदाताओं में अधिक है जो खुद की राष्ट्रीय पहचान की तुलना में गुजराती पहचान पर अधिक गर्व करते हैं। इससे संकेत मिला कि ऐसा हो सकता है कि भाजपा का गुजराती अस्मिता का कार्ड काम न करे।
यह भी पाया गया कि राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जबकि मोदी की लोकप्रियता में थोड़ी गिरावट आई है। दोनों नेताओं की लोकप्रियता को जो अंतर अक्टूबर में 16 अंक का था वह अब घटकर सात अंक हो गया है। लेकिन, मोदी 64 फीसदी मतों के साथ राज्य में सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं।
सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया है कि बीते एक महीने में कांग्रेस ने गुजरात के दक्षिणी व मध्य इलाके में प्रभावशाली पैठ बनाई है, जहां पहले यह भाजपा से बड़े अंतर से पीछे चल रही थी। उत्तर गुजरात में कांग्रेस पहले से भाजपा पर बढ़त बनाए हुए है और यह और बढ़ी है।
जनमत सर्वेक्षण में कहा गया है कि सौराष्ट्र के ग्रामीण इलाके में कांग्रेस आगे है, जबकि भाजपा का प्रभुत्व सौराष्ट्र के शहरी इलाकों में है। ग्रामीण व शहरी स्तर पर अलग-अलग पसंद राज्य के ज्यादातर हिस्सों में सामने आ रही है।
सर्वेक्षण में यह राय सामने आई है कि कांग्रेस के उभार के पीछे की वजह मतदाताओं द्वारा आर्थिक दिक्कतों का सामना करना है। इसके अलावा कांग्रेस को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का समर्थन भी एक वजह है। हार्दिक पटेल ने भाजपा द्वारा उनके समुदाय के लिए आरक्षण की मांग नहीं माने जाने पर उसे हराने का आह्वान किया है।
सर्वेक्षण में कहा गया कि ऐसा लगता है कि विश्व बैंक द्वारा व्यापार की सहजता की रैकिंग में उभार, मूडीज की रेटिंग में भारतीय अर्थव्यवस्था को उन्नत किए जाने व सरकार द्वारा जीएसटी के संदर्भ में रियायत दिए जाने से मोदी के प्रदर्शन को लेकर वोटरों की धारणा में सुधार नहीं हुआ है।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि महिलाओं के बीच कांग्रेस की लोकप्रियता बढ़ी है। एक महीना पहले महिलाएं (50.39 फीसदी) मजबूती से भाजपा के साथ थीं। तब दोनों के बीच महिलाओं के समर्थन में 11 अंकों का अंतर था। अभी भी कांग्रेस की तुलना में भाजपा के प्रति महिलाओं में अधिक समर्थन है लेकिन यह अब घटकर महज दो फीसदी रह गया है।
भाजपा ने इन नतीजों को यथार्थ से परे बताया है। पार्टी प्रवक्ता जी.वी.एल नरसिम्हा राव ने कहा कि सीएसडीएस-लोकनीति के ओपीनियन और एक्जिट पोल ने उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी के लिए जीत का ऐलान किया था लेकिन भाजपा को शानदार जीत मिली थी। उत्तर प्रदेश की ही तरह गुजरात में भी इनका सर्वे यथार्थ से परे साबित होगा।