गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने बुधवार को घोषित किया कि उनकी सरकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को राज्य में रिलीज करने की इजाजत नहीं देगी। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है।
उन्होंने कहा कि क्षत्रीय और राजपूत समुदायों में इतिहास के कुछ विशिष्ट चित्रण को लेकर बहुत संवेदनशीलता है। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार कोई विवाद नहीं चाहती है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कानून-व्यवस्था भी हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए हमने फैसला किया है कि गुजरात में फिल्म ‘पद्मावती’ को रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
रूपानी ने यह भी कहा कि प्रतिबंध केवल विधानसभा चुनाव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जब तक विवाद समाप्त नहीं हो जाता प्रतिबंध जारी रहेगा।
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि ऐसा निर्णय लेने से पहले क्या उन्होंने विवादास्पद फिल्म को देखा है? उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं था। उन्होंने कहा कि मैंने कई लोगों से मुलाकात की है, जिन्होंने फिल्म के खिलाफ परेशानी और क्रोध को व्यक्त किया है। इससे उनकी भावनाएं बुरी तरह से आहत हुई हैं और हम उनके ²ष्टिकोण का सम्मान करते हैं।
दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर द्वारा अभिनीत ‘पद्मावती’ को संजय लीला भंसाली ने निर्देशित किया है। इसके निर्माण के बाद से ही फिल्म विवादों में है। इससे पहले, राजस्थान में करणी सेना ने शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट पर तोड़फोड़ की थी और रानी के चित्रण का विरोध किया था।
पूरे देश में कई संगठन फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे हैं। जिसके कारण रिलीज को स्थगित कर दिया गया है।
इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि फिल्म में राजपूत रानी पद्मावती के बारे में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है, इसलिए राज्य में इस फिल्म को रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, भले ही इसे सेंसर बोर्ड पास कर दे।
उत्तर प्रदेश के उनके समकक्ष योगी आदित्यनाथ ने राजपूत समुदाय की भावनाओं को प्रभावित करने के लिए फिल्म निर्देशक को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की मांग की है।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी बीबी स्वेन से यह पूछने पर कि क्या फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के मुख्यमंत्री के फैसले ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता। मुझे मामले की जांच करनी होगी, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा। चुनाव के कारण राज्य में आचार सहिंता लागू है।