सूरत। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी पटेल ने राज्य की तीन करोड़ महिलाओं को राज्य के विकास में भागीदार बताते हुए कहा कि इनके प्रयासों से राज्य विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। महिलाएं आर्थिक गतिविधियों के साथ पंचायतों व नगर निगमों में 50 फीसदी प्रतिनिधित्व पाकर विकास कार्य में योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से संबंधित बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अहमदाबाद में शीघ्र ही वुमेन एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बनेगा। उन्होंने अनाथ बालकों के लिए भी दो बाल गोकुलम बनाने की घोषणा की।
राज्य की प्रथम महिला सीएम के तौर पर शासन में दो साल पूरे होने के उपलक्ष में सोमवार को इंडोर स्टेडियम में महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें राज्य के सभी 33 जिलों से आंगनबाड़ी वर्कर, हेल्पर समेत अन्य महिलाएं मौजूद थीं। आयोजन में मुयमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ हस्ताक्षर अभियान में हस्तक्षर कर अभियान की पूर्णाहुति कराई।
पिछले एक साल के दौरान इसमें 2.44 लाख लोगों ने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया। कार्यक्रम के दौरान नारी अदालत के जरिए राज्य में तलाक समेत अन्य पारिवारिक विवादों के सुलझाने के प्रयासों की नाट्य प्रस्तु़ति की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सुरक्षा के तीन स्तंभ पर राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदम से गुजरात की महिलाएं देश में सबसे अधिक सुरक्षित बनीं है।
उन्होंने कहा कि गुजरात देश में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है। सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़कर राज्य की एक लाख महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में भाग ले रही हैं। राज्य में ढाई लाख सखी मंडलें हैं। सरकार इन्हें कम दर पर ऋण सुविधा दिला कर प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा कि सभी घरों में टॉयलेट होना चाहिए। सरकार इस ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार के इस कार्य में महिलाएं भी योगदान दे रही हैं। कडिय़ा काम कर महिलाएं टॉयलेट बना रही हैं। महिलाएं लग्न प्रसंगों में खाना बनाने से लेकर परोसने तक का काम करने लगी है। इससे उनकी आर्थिक गतिविधियों में इजाफा हो रहा है।
महिला स्वास्थ्य पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष जोर देते हुए कहा कि 1.20 लाख रुपए से कम आय वाले लोगों के लिए मां वात्सल्य योजना है। दो साल से चल रही योजना में सरकार ने निजी हॉस्पिटलों को 176 करोड़ रुपए देकर आम लोगों के इलाज करवाएं हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से इसका कार्ड बनवाने को कहा। मुयमंत्री ने कहा कि वह चाहती है कि राज्य में सौ फीसदी डिलीवरी हॉस्पिटलों में हो।
लोगों को 108 एबुलेंस के साथ डिलीवरी के बाद खिलखिलाहट गाड़ी की सुविधा दी गई है जो प्रसुता महिला और बच्चे को घर तक पहुंचाती है। इसके बाद भी महिलाएं क्यों घर में डिलीवरी कराती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के गायनिक समेत अन्य समस्याओं के निदान के लिए अहमदाबाद में वुमेन एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बनाया जाएगा। सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों की देखरेख के लिए भी राज्य में दो जगहों पर बाल गोकुलमन बनाए जाएंगे। कोई महिला यदि मानसिक रूप से निशक्त हो जाती है, तो ऐसी महिला यदि सड़क पर मिले तो पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, ताकि उसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं हो। कार्यक्रम में महिला व बाल कल्याण मंत्री वसु त्रिवेदी ने कहा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के लिए कोर्ट-कचहरी में समय व्यय नहीं करे, इस वजह से नारी अदालतों को शुरू किया गया।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में 16 हजार केसों में से 14 हजार मामलों का निष्पादन किया गया। आयोजन में खेलकूद व सांस्कृति प्रवृति मंत्री नानू वानाणी, दंडक अजय चौकसी, महापौर अस्मिता शिरोया, संासद सी.आर.पाटिल, सांसद दर्शना जरदोश, महिला आयोग अध्यक्ष लीला अंकोलिया, महिला आर्थिक विकास निगम की अध्यक्ष मीनाक्षी पंडया, सूरत शहर व जिले के विधायक, स्टेट कोर्डिनेटर अपेक्षा भट्ट, महिला व बाल विकास विभाग की आयुक्त अनुराधा मल्ल, मनपा आयुक्त मिलिंद तोरवणे, पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया, कलक्टर महेन्द्र पटेल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।