नई दिल्ली/गांधीनगर। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिये कहा है कि वो मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी से हटना चाहती हैं।
वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा है कि उनके त्याग-पत्र की पेशकश को संसदीय बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा और उसके बाद ही निर्णय होगा।
आनंदीबेन ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि इस साल नवंबर में वह 75 साल की हो जाएंगी। अगले साल 2017 के आखिर में गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। साथ ही हर दो साल पर होने वाले वाईब्रेंट गुजरात समिट भी जनवरी 2017 में ही होने वाला है। इसलिए वह चाहती हैं कि नए आने वाले मुख्यमंत्री को इन सबकी तैयारी का पूरा वक्त मिले।
पाटीदार आंदोलन और कथित दलित अत्याचार की वजह से लगातार विरोधियों के निशाने पर रही गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को यह कुर्सी तब मिली थी जब साल 2014 में नरेंद्र मोदी देश के पीएम बने और आनंदीबेन पटेल को गुजरात की सत्ता सौंप गए।
दरअसल पिछले कुछ समय में पार्टी नेतृत्व की ओर से संकेत दिए गए है कि पार्टी में 75 साल पार कर चुके नेता अन्य नेताओं को भी आगे बढ़ने का मौका दें।
आनंदीबेन के इस्तीफे की पेशकश के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आनंदी जी का इस्तीफ़ा गुजरात में “आप” की तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता का नतीजा है। भाजपा गुजरात में बुरी तरह से डरी हुई।
केजरीवाल ने अगले ट्वीट में कहा कि आनंदी जी का इस्तीफ़ा गुजरात में “आप” की भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई की जीत है।
दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने आनंदीबेन के इस्तीफे पर कहा कि ये भाजपा का अंदरूनी मामला है लेकिन गुजरात को जिस तरह से चलाया जा रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।