अहमदाबाद। गुजरात में स्थानीय निकायों के हुए चुनावों के बाद वोटो की गिनती चल रही है। अभी तक तेरह नगरपालिकाओं की तस्वीर साफ हुई है जिनमें 11 पर बीजेपी कब्जे की ओर बढ़ रही है। देर शाम तक सभी नतीजों के आ जाने की उम्मीद है।
कांग्रेस का प्रदर्शन न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा दिख रहा है बल्कि इसने भाजपा का गढ़ माने जाने वाले शहरी निकायों में भी इसने अप्रत्याशित रूप से चौंकाऊ रूझान दिये हैं।
महेसाणा नगरपालिका पर कांग्रेस का कब्जा
जूनागढ़ जिला पंचायत पर कांग्रेस का कब्जा
गांधीनगर जिले की दोनों नगरपालिकाओं- कलोल और देहगाम पर बीजेपी का कब्जा
अमरेली जिले की सावरकुंडला नगरपालिका पर कांग्रेस का कब्जा
बोटाद जिला पंचायत पर कांग्रेस का कब्जा
हार्दिक के साथी और देशद्रोह मामले के आरोपी नीलेश अरवड़िया की पत्नी मोर्बी नगरपालिका का चुनाव जीती
पोरबंदर नगरपालिका और पोरबंदर जिला पंचायत पर भी बीजेपी का कब्जा
भावनगर महानगरपालिका पर बीजेपी का कब्जा
राजकोट, सुरेंद्रनगर, गांधीनगर, मोर्बी और अमरेली जिला पंचायतों पर कांग्रेस का कब्जा
भावनगर महानगरपालिका के पूर्व मेयर और वार्ड नंबर एक से भाजपा प्रत्याशी बाबूभाई सोलंकी चुनाव हार गये हैं, कांग्रेस के अरविंद परमार ने उन्हें हराया है।
बिहार में भाजपा की करारी हार के बाद सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को अपने गढ़ गुजरात में हुए स्थानीय चुनावों से काफी उम्मीद है। छह नगर निगमों के लिए मतदान 26 नवंबर को हुआ था जबकि 31 जिला पंचायतों, 230 तालुका पंचायतों और 56 नगर पालिकाओं के लिए मतदान 29 नवंबर को हुआ था। छह नगर निगमों में मात्र 45 प्रतिशत मतदान हुआ था लेकिन अन्य स्थानों पर यह 60 फीसदी से अधिक था।
इस चुनाव को भाजपा और मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि यह पटेल आरक्षण आंदोलन के बाद हो रहा है। नरेंद्र मोदी की जगह आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। भाजपा के खिलाफ पटेल समुदाय की नाराजगी का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस राज्य में निकायों में वापसी की उम्मीद कर रही है।
भाजपा के खिलाफ पटेल समुदाय की नाराजगी का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस राज्य में निकायों में वापसी की उम्मीद कर रही है। पटेल समुदाय को ओबीसी कोटे में शामिल करने की मांग कर रहे पटेल नेताओं ने चुनाव से पहले समुदाय के सदस्यों से भाजपा के खिलाफ और कांग्रेस को वोट करने की अपील की थी।
वर्तमान समय में सभी छह नगर निगमों, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर और भावनगर में भाजपा का नियंत्रण है। ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में अन्य स्थानीय निकायों में अधिकतर पर भी भाजपा का नियंत्रण है।