अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस के कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने राजकोट पश्चिम सीट पर कांग्रेस के इंद्रनील राज्यगुरु को 53,755 मतों के अंतर से पराजित किया। रूपानी को 131,586 वोट मिले, जबकि राज्यगुरु को 77,831 वोट मिले। इस सीट पर कर्नाटक के मौजूदा राज्यपाल वजूभाई वाला पहले सात बार चुनाव जीत चुके हैं।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मेहसाणा की सीट पर कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 7,137 वोटों से हराया। मेहसाणा पटेल नेता हार्दिक पटेल का गृहक्षेत्र है। नितिन पटेल को यहां से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना थी।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जितू वघानी ने अपनी भावनगर पश्चिम सीट पर कांग्रेस के दिलीपसिंह गोहिल के खिलाफ जीत दर्ज की। वघानी को 83,701 मत, जबकि उनके प्रतिद्वंदी को 56,516 मत मिले।
राजस्व व शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुड़ासामा ने धोलका विधानसभा सीट से मात्र 300 मतों से जीत दर्ज की। वहीं गृहमंत्री प्रदीपसिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बिपिन पटेल को 62,380 मतों से हराया।
आनंदीबेन पटेल सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे सौरभ पटेल बोटाद सीट से 1,221 मतों से विजयी रहे। पटेल ने वड़ोदरा में अपनी अकोटा सीट को बदल कर यहां से चुनाव लड़ा था।
सत्तारुढ़ पार्टी में हालांकि कुछ बड़े नेता हारे भी हैं, जिनमें स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री पद के दावेदार शंकर चौधरी भी शामिल हैं। वह कांग्रेस के गनीबेन ठाकोर से 6,800 मतों से हार गए।
विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा, जिन्होंने अपनी सीट बदलकर इदार से दासादा कर लिया था, कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी नौशादजी सोलंकी से 844 मतों के अंतर से हार गए। यहां 3,057 मतदाताओं ने इनमें से कोई नहीं(नोटा) का विकल्प चुना था।
वरिष्ट नेता जयनारायण व्यास सिधपुर में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी चंदनजी ठाकोर से 17,200 मतों से हार गए। व्यास को यह सीट बलवंतसिंह राजपूत द्वारा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद मिली थी।
प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र दिलीप संघानी को इस बार हार का सामना करना पड़ा। वह कांग्रेस के जे.वी. काकेडिया से 15,000 मतों से हार गए।
पटेल समुदाय के मजबूत नेता नारायण लल्लू पटेल ऊंझा में अपनी सीट नहीं बचा पाए और कांग्रेस के आशाबेन पटेल से 19,000 मतों के अंतर से हार गए। पूर्व गृहमंत्री रजनी पटेल को भी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भारत ठाकोर ने करीब 19,000 मतों से हराया।
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए अधिकांश उम्मीदवार हारे
कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शमिल हुए चार उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं शक्तिकांत गोहिल व अर्जुन मोधवडिया समेत कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस को छोड़ दूसरी पार्टी का हाथ थामने वाले तेजश्री पटेल को लखभाई भारद्वाज के हाथों 6,500 मतों से हार का सामना करना पड़ा। वहीं मानसिंह चौहान को बालासौर से हार का सामना करना पड़ा। अमूल के अध्यक्ष रामसिंह परमार अपनी परंपरागत सीट थासरा से तथा राघवजी पटेल जामनगर(ग्रामीण) से चुनाव हार गए।
कांग्रेस पार्टी के नेता शक्तिसिंह गोहिल को कच्छ की मांडवी सीट से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें 58,632 मत मिले, जो भाजपा के वीरेद्रसिंह जडेजा से 10,655 कम थे।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के पुत्र कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ पटेल डाभोई सीट से भाजपा के शैलेशभाई मेहता से 2,839 मतों से हार गए।
पाटीदार आंदोलन के समय पटेलों के वकील रहे बाबू मांगुकिया को अहमदाबाद की ठक्कर बापानगर सीट से वल्लभ काकडिया के हाथों लगभग 29 हजार वोटों से चुनाव हार गए।
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