गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान शनिवार को दोपहर अंत तक ईवीएम में खराबी की शिकायतों के बीच करीब 50 फीसदी मतदान हुआ। मतदान केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में मतदाताओं को देख संभावना जताई जा रही है कि मतदान दर 90 फीसदी के आंकड़े को छू सकती है। दोपहर तीन बजे तक मतदान प्रतिशत करीब 50 फीसदी के आसपास रहा।
पहले चरण में दो बजे तक मतदान प्रतिशत विभिन्न जगहों पर कुछ इस प्रकार रहा, वलसाड-48, कपरदा-42, टंकारा-54, मोरबी-49, बोटड-45, गधदा-39, उमरगांव-45, वांकनेर-53, जामनगर (कुलमिलाकर)- 40, जाम जोधपुर-40, सूरत-40, डांग 25-30, पोरबंदर-38 से 40, सुंदरनगर 50 से 55। नवसारी में 50 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया।
हैरानी की बात है कि राजकोट जिसे दोपहर 1 से 4 बजे तक अपने ‘दोपहर के आराम करने’ के लिए जाना जाता है, वहां दोपहर को वोट करने के लिए लोग बड़ी संख्या में बाहर निकले और 40-45 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। राजकोट के विसावदर में मतदाताओं, पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने गांधीनगर में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
सुरेन्द्रनगर जिले के लिम्दी गांव के ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न शिकायतों को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया।
सूरत के कई पाटीदार बहुल इलाकों में लोग, 25 अगस्त 2015 को जीएमडीसी ग्राउंड पर पाटीदार आंदोलन के दौरान और बाद में मारे गए पाटीदार युवाओं की तस्वीरों और पोस्टरों के साथ नजर आए। इन पोस्टरों पर लिखा था कि इन शहीदों के बलिदान को मत भूलना और भाजपा को उखाड़ फेंकना।
अंजार निर्वाचन क्षेत्र के सत्तापर गांव में ईवीएम मशीनों में खराबी की सूचना मिली और मतदान प्रक्रिया को रोक दिया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारा पोरबंदर में ईवीएम के साथ ब्लूटूथ डिवाइसों के लिंक होने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी.बी.स्वेन ने कहा कि हमें ईवीएम के साथ वाईफाई या ब्लूटूथ डिवाइसों के लिंक होने की शिकायतें स्क्रीनशॉट के साथ मिली है। इसलिए हम पोरबंदर के कलेक्टर और भारत चुनाव आयोग के हमारे पर्यवेक्षक को उस जगह ले गए। उनकी जांच में कहा गया है कि अर्जुन मोढवाडिया की शिकायत में कोई दम नहीं है।
भारी संख्या में मतदान के लिए ईसीआई द्वारा किए गए तीव्र अभियान के कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, हालांकि, दोनों राजनीतिक दलों सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने दावा किया है कि उच्च मतदान का कारण उनकी पार्टी के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक समर्थन है।