Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
Gujarat High Court dismisses Essar Steel plea against RBI's bankruptcy order
Home Gujarat Ahmedabad दिवालिया कार्रवाई को चुनौती देने वाली एस्सार की याचिका खारिज

दिवालिया कार्रवाई को चुनौती देने वाली एस्सार की याचिका खारिज

0
दिवालिया कार्रवाई को चुनौती देने वाली एस्सार की याचिका खारिज
Gujarat High Court dismisses Essar Steel plea against RBI's bankruptcy order
Gujarat High Court dismisses Essar Steel plea against RBI's bankruptcy order
Gujarat High Court dismisses Essar Steel plea against RBI’s bankruptcy order

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को एस्सार स्टील की उस रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के समूह ने अपने फंसे हुए मोटे कर्ज (उच्च एनपीए) की वसूली के लिए कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की है।

न्यायाधीश एस. जी. शाह ने मौखिक आदेश जारी करते हुए कहा कि स्टील कंपनी को किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी। अदालत का विस्तृत आदेश बाद में आने की उम्मीद है।

एस्सार स्टील ने 4 जुलाई को दाखिल की गई अपनी याचिका में आरबीआई द्वारा बैंकों को एस्सार स्टील समेत 12 कंपनियों के खिलाफ सीधे राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जाकर दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू के निर्देश पर रोक लगाने की मांग की थी।

केंद्रीय बैंक ने 13 जून को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह निर्देश जारी किए थे। एस्सार स्टील पर बैंकों का कुल 45,655 करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें से 31,671 करोड़ रुपए का कर्ज चुकता नहीं पाया है। इस फंसी हुई रकम को बैंकों ने साल 2016 के 31 मार्च को एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) घोषित कर दिया था। बैंकों के फंसे हुए कर्ज की यह रकम इस साल 31 मार्च तक बढ़कर (ब्याज समेत) 32,864 करोड़ रुपए हो चुकी है।

कंपनी ने दावा किया था कि वह पुनर्गठन की प्रक्रिया में है इसलिए ऋण नहीं चुका पाई और उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा रही है।

वहीं, आरबीआई के वकील ने अदालत से कहा कि यह सच नहीं है कि कंपनी पुनर्गठन की प्रक्रिया कर रही है और बैंकों के साथ ऋण की रकम घटाने को लेकर मोलतोल (पुनर्गठन) कर रही है, जबकि दिवालिया प्रक्रिया से कंपनी को ही मदद मिलेगी और इससे कंपनी को नया आकार मिलेगा और हम इसे बंद नहीं करने जा रहे हैं।