सूरत। राजद्रोह के मामले में आरोपित पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल के खिलाफ शुक्रवार को क्राइम ब्रांच पुलिस ने 370 पन्नों की चार्जशीट पेश कर दी। चार्जशीट के साथ एक हजार से अधिक पन्नों का सीडीआर, एफएसएल का रिपोर्ट, वाइस स्पेक्ट्रोग्राफी रिपार्ट तथा 147 पंच-गवाहों को बयान भी पेश किए गए।
चार्जशीट में हार्दिक के अलावा अन्य तीन अभियुक्तों के नाम भी दर्ज है। इनमें से दो अभियुक्त चिराग देसाई और विपुल देसाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अल्पेश नाम के अभियुक्त को वांछित दर्शाया गया है।
राजद्रोह मामले की क्वॉशिंग पीटीशन की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने पुलिस को 8 जनवरी तक अभियुक्त के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार शुक्रवार को क्राइम ब्रांच पुलिस चार्जशीट लेकर कोर्ट पहुंची और चार्जशीट कोर्ट के समक्ष पेश की।
सरकारी अधिवक्ता नयन सुखड़वाला ने बताया कि आईपीसी की धारा 124(ए),115 और 201 के तहत 370 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई है। चार्जशीट के साथ टेलीफोन इन्टरसेप्शन की स्क्रिप्ट, वॉट्सएप के मैसेज, एफएसएल की रिपोर्ट और गवाहों के बयान भी कोर्ट को सौंपे गए।
इनमें हार्दिक ने विपुल देसाई को बयान बदलने के लिए अन्य व्यक्ति के माध्यस से फोन पर की बात का सबूत, राजद्रोह के मामले से पहले धारा 188 के तहत हार्दिक समेत के अभियुक्तों की गिरतारी के वक्त जब्त किए मोबाइल से जो भड़काउ बातचीत उनके बीच हुई थी उसके सबूत, जिस टी.वी चैनल के कैमरे के समक्ष हार्दिक ने पुलिस के खिलाफ जो भड़काउ बयान दिया था उसे, वॉइस स्पेक्ट्रोग्राफी रिपोर्ट सबूत के तौर पर पेश किए गए।
इसके अलावा सरकार और राजनेताओं के खिलाफ वॉट्सएप पर की गई अभद्र टिप्पणी और हिंसा फैलाने वाले मैसेज और 147 पंच-गवाहों के बयान भी कोर्ट को सौंपे गए। उन्होंने बताया कि चार्जशीट में हार्दिक के अलावा अन्य तीन अभियुक्तों का नाम भी शामिल किया गया है। इनमें से विपुल देसाई और चिराग देसाई की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं अल्पेश नाम के अभियुक्त को चार्जशीट में वांछित दर्शाया गया है। इन तीनों के खिलाफ बाद में चार्जशीट पेश की जाएगी।
गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान मोटा वराछा निवासी विपुल देसाई ने की आत्महत्या करने की घोषणा के बाद 3 अक्टूबर को हार्दिक उसे मिलने उसके घर पहुंचा था और यहां पर उसने विपुल से कहा था कि पाटीदार ऐसे नहीं मरते, तेरे में अगर हिम्मत है तो दो-पांच पुलिस वालों को मार डाल। पुलिस के खिलाफ के इस भड़काउ बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया में पहुंच गया था।
जांच के बाद डिप्टी पुलिस आयुक्त मकरन्द चौहाण ने 18 अक्टूबर को हार्दिक पटेल के खिलाफ अमरोली थाने में राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया था और मामले की जांच संभालते हुए क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसे राजकोट से गिरफ्तार कर लिया था।
11 जनवरी को हार्दिक को मिलेगी चार्जशीट की कॉपी
पुलिस की ओर से चार्जशीट पेश करने के बाद हार्दिक के अधिवक्ता यशवंत वाला ने कोर्ट से चार्जशीट की कॉपी मांग की, लेकिन कोर्ट ने अभियुक्त के हस्ताक्षर बिना कॉपी देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने 11 जनवरी हार्दिक को कोर्ट के समक्ष हाजिर रहने का आदेश दिया है। इस दिन हार्दिक के हस्ताक्षर के बाद उसे चार्जशीट की कॉपी सौंपी जाएगी।