गांधीनगर। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की मनसा में आयोजित एक विशाल रैली से कुछ ही घंटे पहले पाटीदार समूह को तगड़ा झटका तब लगा, जब समूह के दो पूर्व सदस्यों और संयोजकों ने शनिवार को सत्ताधारी पार्टी भाजपा का दामन थाम लिया।
अमरीश और केतन पटेल पीएएएस नेता हार्दिक पटेल के पूर्व सहयोगी हैं। जिन्होंने पटेल आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और दोनों भगवा पार्टी में शामिल हो गए हैं।
अमरीश पटेल पर 2015 में कोटा आंदोलन के दौरान पीएएएस समूह के पटेल आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के लिए हार्दिक के साथ देशद्रोह का आरोप लगा था। वह अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के ‘श्री कामलम’ मुख्यालय पुहंचे और पार्टी में शामिल हुए।
उस वक्त एक तथ्य यह उभर कर सामने आया था कि देशद्रोह के आरोप के बावजूद, अमरीश को गिरफ्तार नहीं किया गया था। केतन पटेल शनिवार सुबह भगवा पार्टी में शामिल हुए। उन्होंने भी पटेल आंदोलन के शुरुआती चरण के दौरान समूह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हार्दिक के एक और करीबी चिराग पटेल ने शुक्रवार को भगवा पार्टी का दामन थाम लिया था। चिराग भी पीएएएस समूह के संयोजकों में से एक हैं।
पिछले माह हार्दिक के दोस्त और पीएएएस संयोजक वरुण पटेल भाजपा खेमे में शामिल हो गए थे। जबकि पीएएएस समूह का महिला चेहरा रेशमा पटेल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।
राज्य में आरक्षण आंदोलन पटेल आंदोलनकारियों के लिए राजनीतिक आकांक्षाएं पूरी करने के लिए एक वरदान साबित हुआ है।