नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उसके पति जावेद आनंद की ओर से उनके बैंक खातों पर रोक हटाने की मांग करते हुए दायर याचिका को खारिज कर दिया।
सीतलवाड़ की ओर से दान में प्राप्त धन का दुरुपयोग करने के आरोप में गुजरात पुलिस ने उनके खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है। कथित तौर पर गुलबर्ग कॉपरेटिव सोसायटी के नाम पर दान इकट्ठा किया गया था। मालूम हो कि गोधरा हादसे के बाद 2002 में गुजरात में हुए दंगे में इस सोसायटी को निशाना बनाया गया था।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले में जांच चल रही है और दोनों को जांच अधिकारी को अपनी स्थिति का विवरण देना है।
सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस और सबरंग ट्रस्ट नामक दो एनजीओ ने शीर्ष अदालत से उनके खातों पर से रोक हटाने की मांग की थी। दोनों एनजीओ सीतलवाड़ और जावेद आनंद की अगुवाई में चल रहे हैं।
दंपति ने 2015 के गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी जिसमें उनके खाते पर रोक हटाने की याचिका को खारिज कर दी गई थी।