गांधीनगर। गांधीनगर पुलिस ने अनुमति बगैर मनसा में रैली आयोजित कर कानून तोड़ने और शांति में खलल डालने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक, वीरेंद्र सिंह यादव ने मीडिया से कहा कि हमने हार्दिक पटेल, मनसा रैली के आयोजक उमिया डेकोरेटर्स के मालिक धर्मेश पटेल, और पांच अन्य के खिलाफ जिला प्रशासन से अनुमति के बगैर रैली आयोजित करने के लिए मामला दर्ज किया है।
गांधीनगर के एसपी ने कहा कि हम कानून तोड़ने में शामिल रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पुलिस ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत प्रशासनिक आदेश को न मानने के लिए मामला दर्ज किया है।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता पिछले दो साल से राज्यभर में विरोध रैलियां आयोजित कर रहे हैं, जिनमें कई स्थानों पर रैलियां सरकार या स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बगैर आयोजित की गईं हैं। अभी तक न तो हार्दिक पटेल पर इसके लिए कोई मामला दर्ज किया गया है और न उनके सहयोगियों पर और न अन्य सदस्यों पर ही।
पीएएएस ने राज्य में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ जारी विरोध रैलियों की श्रृंखला के हिस्से के रूप में शनिवार को मनसा में एक विशाल रैली आयोजित की थी। मनसा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पैत्रिक गांव है। रैली से पूर्व हार्दिक ने संकेत दिया था कि वह कुछ खुलासों के जरिए एक बड़ा बम गिराएंगे, जिससे भाजपा हिल जाएगी। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।
उन्होंने और उनके समर्थकों ने अलबत्ता पुलिस की चेतावनी को दरकिनार करते हुए शनिवार की सर्द रात को एक विशाल रैली की।
एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई चुनाव संपन्न होने के बाद होगी। राज्य सरकार हार्दिक पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर सकती, क्योंकि चुनाव में इसका उनपर विपरीत असर होगा। चुनाव समाप्त होने के बाद वे कार्रवाई करेंगे।
निर्वाचन आयोग भी हार्दिक पटेल के भाषणों पर बराबर नजर बनाए हुए है और उनकी सार्वजनिक सभाओं की वीडियो रिकॉर्डिग की जा रही है। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर निर्वाचन आयोग कार्रवाई करेगा।
गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बीबी स्वैन ने कहा कि हम हार्दिक की उन रैलियों पर खर्च हो रही धनराशि पर भी नजर रखे हुए हैं, जहां उनके साथ किसी राजनीतिक पार्टी का उम्मीदवार भी उपस्थित होता है।