मुंबई। ‘नामकरण’ और ‘ख्वाबों की जमीन पर’ जैसे धारावाहिकों में अपने अभिनय के लिए पहचानी जाने वाली गुलफाम खान का कहना है कि अगर वह अभिनेत्री नहीं होतीं तो पेंटर या फाइन आर्टिस्ट होतीं।
गुलफाम ने कहा कि पढ़ना और चित्रकारी में हमेशा से मेरी दिलचस्पी रही है.. चाहे पेंटिंग हो, रीसाइकिलिंग या आर्टवर्क। अगर में अभिनेत्री या लेखक नहीं होती तो मैं निश्चित रूप से पेंटर या फाइन आर्टिस्ट होती।
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अभिनेत्री किताबें पढ़ने की बहुत शौकीन हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी पहली किताब पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि जब मैं पांचवीं कक्षा में थी तो मेरी पहली किताब ‘रम्पल्स्टील्टस्किन’ थी। मेरी टीचर जबरदस्ती इसे पढ़ने के लिए कहती थीं, क्योंकि मैं इसे पढ़ना नहीं चाहती थी। इसके बाद से मुझे किताबों की लत लग गई। मैं सेट पर भी कोई न कोई किताब लाती हूं।
उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसी चीज है, जिसके कारण रीमाजी (दिग्गज अभिनेत्री रीमा लागू) से मुझे संबंध बनाने में मदद मिली।