श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के गुलमर्ग में गंडोला केबल कार सेवा का संचालन करने वाली कंपनी के प्रबंधन ने रविवार को हुए हादसे के लिए ईश्वरीय कोप को जिम्मेदार ठहराया है। रविवार को हुए हादसे में दिल्ली के एक परिवार के चार सदस्यों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।
परियोजना के महाप्रबंधक रियाज अहमद ने कहा कि मानक संचाल प्रक्रिया (एसओपी) का कोई उल्लंघन नहीं किया गया था, जैसा कुछ लोगों ने आरोप लगाया है।
दुर्घटना में एक व्यक्ति, उनकी पत्नी तथा उसके दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन स्थानीय लोगों की भी मौत हो गई। हालांकि अन्य केबल कारों में बैठे 150 लोगों की जान बच गई थी।
अहमद ने कहा कि जब हवा तेज चल रही हो, तो हम गंडोला का संचालन नहीं करते हैं और प्रणाली सुरक्षा इंतजाम से युक्त है, जो तेज हवा चलने पर संचालन स्वत: रोक देती है। उन्होंने कहा कि कल जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है और यह ईश्वरीय कोप का परिणाम है।
अहमद ने कहा कि जिस वक्त केबल कारों का संचालन हो रहा था, उस वक्त चमचमाती धूप थी। उन्होंने कहा कि लेकिन अचानक हवा का एक तेज झोंका आया, जिसने देवदार के एक वृक्ष को जड़ से उखाड़ दिया और वह देवदार के एक अन्य वृक्ष से जा टकराया, जिसकी डाल केबल पर गिरी, उसकी वजह से वह पुल्ली पर से उतर गई।
उन्होंने कहा कि प्रणाली ने संचालन रोक दिया और हमने पाया कि पांचवें तथा छठे टॉवर का केबल पुल्ली पर से उतर गया है।
उन्होंने कहा कि केबल के पुल्ली पर से उतरने के बाद वह खतरनाक तरीके से झूलने लगा, लेकिन कोई भी केबिन जमीन से नहीं टकराया। उन्होंने जोर दिया कि हमारे अतिथियों की मौत शीशे टूटने के कारण हुई।
मृतकों की पहचान जयंत अंदरस्कर, उनकी पत्नी मनीषा तथा उनकी बेटियां अनघा तथा जाह्न्नवी के रूप में हुई है। वे दिल्ली के शालीमार बाग के निवासी थे।
अन्य तीन मृतकों की पहचान मुख्तार अहमद गनी, जावेद अहमद खांडे तथा फारूक अहमद के रूप में हुई है।
रोपवे परियोजना का इस तरह का यह पहला हादसा है, जो जम्मू एवं कश्मीर सरकार तथा फ्रांस की एक कंपनी का संयुक्त उपक्रम है। गुलमर्ग आने वाले पर्यटकों के बीच यह खासा मशहूर है।
बारामुला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इम्तियाज हुसैन ने कहा कि हमने दुर्घटना को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है। अगर जांच में यह बात सामने आती है कि एसओपी का उल्लंघन किया गया, तो हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।