नई दिल्ली। पाकिस्तान में विश्वविद्यालय पर हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश के सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवाद पर पाकिस्तान अपनी ही दोहरी नीति का शिकार हो गया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद के खत्म करने की सिर्फ बातें ही करते है। लेकिन वह इस गंभीर समस्या पर कार्रवाई करने के लिए न तो गंभीर है और न ही किसी तरह के ठोस कदम उठा रहे हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञ आरएसएन सिंह ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान अपनी ही दोहरी नीति का शिकार बन रहा है। एक तरफ पाकिस्तान आदिवासी जेहादियों को फांसी पर लटका रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह पंजाब के जेहादियों को पाल रहा है और उनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा है।
पाकिस्तान के इसी चयनात्मक दृष्टिकोण ने उसके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। भारत से द्वेष के चलते वह अपने मुल्क के साथ-साथ पूरे मध्य एशिया को जला रहा है। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि उसकी नीतियों और कटरपंथी रवैया के चलते एशिया क्षेत्र के सभी देशों का आतंरिक माहौल खराब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वहां की सेना आतंकवादियों को पाल-पोस कर जेहाद के नाम पर आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रही है। उन्होंने पाकिस्तान के विशेषज्ञों से कई बार उनके रवैये और नीतियों पर गौर करने की सलाह दी है। लेकिन लगातार हो रही इन घटनाओं को देखकर नहीं लगता कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर गंभीर है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आतंकवाद के पाकिस्तान की धरती से खत्म करने की सिर्फ बातें ही करते है। लेकिन वह इस गंभीर समस्या पर कार्रवाई करने के लिए न तो गंभीर है और न ही किसी तरह के ठोस कदम उठा रहे हैं।
इसी तरह सुरक्षा विश्लेषक कमर आगा ने भी आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि बुधवार को बचा खान की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इसीलिए आतंकियो ने विश्वविद्यालय पर हमला करने के लिए आज का ही दिन चुना।
बचा खान उदारवादी विचारधारा के व्यक्ति होने की वजह से पाकिस्तान आंदोलन के खिलाफ थे और गांधीवादी विचारधारा को मानते थे। यही वजह है कि आतंकियों ने विश्वविद्यालय को निशाना बनाया क्योंकि आतंकी कटरपंथी विचारधारा के हैं और आधुनिक शिक्षा के सख्त खिलाफ है।
पिछले कुछ सालों के दौरान आतंकियों ने पाकिस्तान के कई स्कूलों को आग लगा कर नष्ट कर दिया क्योंकि उनका केवल एक ही मकसद है कि पाकिस्तान को किसी भी कीमत पर कट्टरपंथी देश बना दिया जाए। आगा के मुताबिक आतंकी ऐसी वारदातों को बेफ्रिक हो कर अंजाम देते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि न तो पाक सरकार और न ही वहां की न्यायपालिका, उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करेगी।
पाकिस्तान में मौजूद आतंकी नेटवर्क और भारत में आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान की सेना भी जिम्मेदार है। इसका कारण यह है कि पाक सेना में भी कट्टरपंथी विचारधारा के हैं और विभिन्न आतंकी संगठन से जुड़े आतंकी सरगनाओं को अपना संरक्षण दे रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदायों को पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने की जरुरत पर बल देते हुए सुरक्षा विशेषज्ञ आगा का कहना हैं कि आतंक से पीड़ित मध्य एशिया के देशों को एक क्षेत्रीय संगठन बनाना चाहिए और पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस संगठन में भारत, बंग्लादेश, इराक, अफगानिस्तान को शामिल किया जाना चाहिए जो सालों से लगातार आतंकवाद की समस्या झेल रहा है।