रांची। वृहस्पति के 11 अगस्त से सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते ही गुरु चांडाल योग समाप्त हो गया है। गुरुचांडाल योग बीते सात माह से चल रहा था।
गौरतलब है कि 11 अगस्त को बृहस्पति सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश कर चुका है। 11 अगस्त की रात 9 बजकर 18 मिनट पर बृहस्पति का कन्या राशि में प्रवेश हुआ। अब अगले बारह माह तक बृहस्पति कन्या राशि में गोचर करेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव पांडेय ने बताया कि गुरुचांडाल योग का समाप्त होना सामाजिक स्थिति और गतिविधियों के लिए शुभ संकेत है। बृहस्पति के कन्या राशि में प्रवेश करने पर बीते कुछ माह से चल रही उठापटक की स्थिति खत्म होगी और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की स्थिति समान्य होगी।
आतंकवादी गतिविधियों और सामाजिक स्तर पर चल रहे झगड़ों में कमी आएगी। कन्या राशि का बृहस्पति बहुत से स्तर पर शुभ परिवर्तन लायेगा इसमें विशेष बात यह के कन्या राशि व्यापार के कारक ग्रह बुध की राशि है।
अतः कन्या राशि में बृहस्पति आने पर पिछले लंबे समय से चल रही व्यापारिक मंदी ख़त्म होकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार में तेजी आयेगी और ट्रेडिंग में ग्रोथ होगा तथा व्यापारियों का लाभ बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि बृहस्पति ज्योतिषीय गणनाओं में सबसे महत्वपूर्ण घटक है जो हमारे जीवन, सामाजिक उत्तर चढाव और भौगोलिक स्थिति को नियंत्रित करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है।
बृहस्पति एक राशि में बारह माह अर्थात एक वर्ष रहता है और फिर रशिपरिवर्तन कर अगली राशि में प्रवेश करता है इस प्रकार संपूर्ण राशिचक्र को बृहस्पति लगभग बारह वर्ष में पूरा करता है।
वर्ष 2016 के जनवरी माह से ही बृहस्पति और राहु की सिंह राशि में युति से गुरु-चांडाल योग बना हुआ था जो की ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक विध्वंशकारी योग है जिसके कारण पिछले सात महीनो में सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घमासान स्थिति बनी हुई थी।
आतंकवादी घटनाओं का पिछले कुछ महीनो में बार बार होना, राष्ट्रीय स्तर पर चल रही असामाजिक तत्वों की बढ़त और झगड़ों की स्थिति तथा राजनैतिक स्तर पर चल रहे आपसी क्लेश गुरुचांडाल योग के कारण ही थे।
11 अगस्त से कन्या राशि में बृहस्पति के गोचर का बारह राशियों पर प्रभाव देखें तो वृष, सिंह, वृश्चिक, मकर और मीन राशि के लिए बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन शुभ फलकारी है। मेष, कर्क, कन्या और धनु राशि के लिए मध्यम है तथा मिथुन, तुला और कुम्भ राशि के लिए संघर्षकारी है।
विभिन्न राशियों पर सिंह के राशि परिवर्तन का प्रभाव
मेष: कार्याे में संघर्ष बढ़ेगा, विरोधियों के कारण समस्याएं होंगी, स्वास्थ में उतार-चढ़ाव रहेगा।
वृष: लंबे समय से चल रहे पारिवारिक विवाद कम होंगे, आर्थिक लाभ बढ़ेगा, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
मिथुन: पारिवारिक और जमीन जायदाद से जुड़े विवाद बढ़ेंगे परंतु आजीविका के लिए समय अच्छा है, करियर में उन्नति होगी।
कर्क: संघर्ष के बाद कार्य सफल होंगे, आय के स्रोत बढ़ेंगे, बड़े भाई बहन से सहायता मिलेगी।
सिंह: धन वृद्धि होगी, कुटुम्ब जनों से स्नेह बढ़ेगा, आजीविका में उन्नति होगी।
कन्या: चल रहे अनचाहे खर्चों में कमी आएगी, भाग्य में वृद्धि होगी, वैवाहिक जीवन में सुखद परिवर्तन होगा
तुला: धन का व्यय होगा और अनचाहे खर्चे बढ़ेंगे, आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतें।
वृश्चिक: आर्थिक लाभ बढ़ेगा, करियर में चल रही समस्याएं कम होंगी, संतान पक्ष से सहयोग मिलेगा।
धनु: चल रही बाधायें समाप्त होंगी, संपत्ति का लाभ होगा, परिवार में रिश्ते मजबूत बनेंगे।
मकर: चल रहीं स्वास्थ समस्याएं कम होंगी, भाग्योदय होगा, पराक्रम बढ़ेगा, संतान का सहयोग मिलेगा।
कुम्भ: संघर्ष बढ़ेगा, स्वास्थ समस्याएं परेशान करेंगी, स्वास्थ समस्याओं में धन व्यय होगा।
मीन: चल रहे विवाद समाप्त होंगे, आत्मविश्वास बढ़ेगा, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, वैवाहिक रिश्तों में मधुरता बढ़ेगी।
अपनी राशि से बृहस्पति अनिष्ट होने पर ये उपाय करें
ऊं बृम बृहस्पते नमः का प्रतिदिन एक माला जाप करें।
बृहस्पतिवार को चने की दाल दान करें।
बृहस्पतिवार को बेसन के लड़डू गाय को खिलाएं।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।