Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
प्रकाश पर्व : गुरु नानक देव के उपदेश आज भी सार्थक - Sabguru News
Home Chandigarh प्रकाश पर्व : गुरु नानक देव के उपदेश आज भी सार्थक

प्रकाश पर्व : गुरु नानक देव के उपदेश आज भी सार्थक

0
प्रकाश पर्व : गुरु नानक देव के उपदेश आज भी सार्थक
guru nanak dev jayanti 2015
guru nanak dev jayanti 2015
guru nanak dev jayanti 2015

नई दिल्ली। देश भर में गुरु पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरु पर्व को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है  आज के दिन सभी सिख श्रद्धालु भजन-कीर्तन कर करुणा और मानवता का संदेश देने वाले गुरु नानक देव जी को याद कर रहे हैं।

आज के दिन जगह-जगह स्थित गुरुद्वारों को विद्युत की रोशनी से सजाया गया है। बहुत ही सुदंर तरीके से सजे गुरुद्वारों में ग्रंथ साहब के समक्ष सुख शांति का अरदास करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।

गुरुपर्व से एक दिन पहले मंगलवार को सिख समाज ने प्रभात फेरी निकाली, जिसमें समाज के महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने निशान साहब झंडे के साथ शब्द कीर्तन करते हुए गुरु नानक देव जन्मोत्सव समारोह की शुरूआत की। साथ ही सिख श्रध्दालु मार्शल आर्ट ‘गदका’ का प्रदर्शन करते नजर आए । इस खास मौके पर जगह-जगह जरुरतमंदों दान दिया जा रहा है साथ ही खाना भी खिलाया जा रहा है। शाम को इस शुभ अवसर पर आतिशबाजी कर श्रध्दालु जश्न मनाएंगे।

गुरु नानक पर्व के शुभ मौके पर जगह-जगह रंगा-रंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें शबद -कीर्तन और गुरबानी संग गुरु की महिमा का बखान किया जा रहा है। इसमें नन्हे-मुन्ने बच्चे संगीत व नृत्य करते नज़र आए । साथ ही इन बच्चों ने गदका का प्रदर्शन कर सभी को हैरान कर दिया।

गुरुनानक देव के जन्मदिवस के मौके पर मंगलवार को कई स्कूलों में भी गुरु पर्व को लेकर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने खुलकर भाग लिया। सभी स्कूलों में बच्चों को गुरु नानक देव के जीवन संदेशों की जानकारी भी दी गई।

जानकारी हो कि गुरु नानक का प्रकाश उत्सव कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरुनानक जी  का जन्म तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ। इस दिन को सिख धर्म के अनुयायी गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। सिख धर्म की नींव गुरू नानक देव जी ने ही रखी थी. वह सिखों के पहले गुरू थे। उन की लिखी रचनाएं गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है। गुरू नानक देव ने सिखों को बताया कि जीवन का उद्देश्य बराबरी, सहनशीलता, बलिदान, निडरता के नियमों पर चलते हुए एक निराले व्यक्तित्व के साथ जीते हुए ईश्वर में लीन हो जाना है।

गुरू नानक देव ने अपनी शिक्षा और उपदेशों से लोगों को खूब प्रभावित किया और समाज को नई दिशा दी। उन्होंने अपने जीवन काल में चार बड़ी यात्रायें कीं। यह यात्रायें उन्होंने अपने विचार को जन मानस तक पहुंचाने के लिए और उस समय लोगों में फैले अंधविश्वास और कुरीतियों को दूर करने के लिए की थी। आज 500 वर्षों से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन उनके कहे उपदेश आज भी सार्थक हैं और जन कल्याण करने वाले हैं।