नई दिल्लीI गुरदासपुर में हमला करने वाले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले से भारत में घुसे थे और आंतकियों के कुछ समूह को कुछ दिनों पहले नरोवाल जिले में देखा गया था।
आतंकी हमले की आशंका के कारण गत 24 जुलाई को पंजाब अलर्ट भेजा गया था, इसके बावजूद हमले को रोका नहीं जा सका। खुफिया सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के निकट 200 से 250 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार हैं।
सूत्रों के अनुसार पिछले कई दिनों से पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी की आड़ में घुसपैठ की कोशिश जारी है I आतंकी हमले की आशंका के कारण गत 24 जुलाई को पंजाब अलर्ट भेजा गया था, इसके बावजूद हमले को रोका नहीं जा सका।
गृह मंत्रालय द्वारा भेजे एलर्ट में कहा था कि लश्कर कमांडर मकबूल खान की अगुआई में दस आतंकियों की एक टीम घुसपैठ की योजना बना रही है।
सूत्रों का कहना है के पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले से भारतीय पंजाब प्रांत के गुरदासपुर जिले की दूरी 65 किलोमीटर है और जम्मू-कश्मीर से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुरदासपुर की दूरी महज 15 किलोमीटर है।
कई दिनों से यह सूचना मिल रही थी कि सीमा पर के इस इलाके में बड़ी संख्या में आतंकी जमा है और वो घुसपैठ के जरिए भारत में आकर किसी बड़े कांड को अंजाम देने की फ़िराक में हैं I
गुरुदासपुर में हमले के बाद आंतकियों के पास मिले हथियार, कारतूस और खाने का सामान देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे कई दिनों पहले ही भारत में घुसपैठ कर चुके थे।
सूत्रों के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के आतंकियों को हथियारों और आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण देने के बाद नरोवाल लाया जाता है और यहां से उन्हें घुसपैठ के लिए दूसरे क्षेत्रों में भेजा जाता है।
हमले के तरीके को देखते हुए ऐसा लग रहा हैं कि इसमें लश्कर का हाथ हैं क्योंकि इसी तरह का हमला जम्मू के सांबा सेक्टर में और हीरा नगर थाने पर किया गया था।
ऐसा माना जा रहा है कि आईएसआई एक बार खालिस्तान आंदोलन से जुड़े रहे आतंकियों को दोबारा भड़काने की फ़िराक में है और इसीलिए ऐसे हमले को अंजाम दिया गया।