गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार अभियान उफान पर है। इसी बीच बीते कल बुधवार की शाम चुनाव आयोग के व्यय-खर्च पर्यवेक्षक राघवेंद्र सिंह के नेतृत्व में राज्य के कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री रकिबुल हुसैन के राजधानी के पंजाबाड़ी स्थित आवास में तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान के दौरान मंत्री हुसैन घर पर मौजूद नहीं थे।
तलाशी के दौरान आयोग के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने किसी को भी घर से बाहर नहीं आने दिया और बाहर से भी अंदर जाने पर रोक थी। इसी दौरान जब रकिबुल अपने परिजनों के साथ वहां पहुंचे तो आयोग के पर्यवेक्षक सिंह के नेतृत्व में उनकी कार और सुरक्षाकर्मियों के वाहन की भी तलाशी ली गई। इस दौरान आयोग ने क्या सबूत जब्त किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
उसके बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया। इस घटनाक्रम को हुसैन ने राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने इसकी तुलना हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की बेटी की शादी के दिन उनके घर हुए तलाशी अभियान से की। उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग के हर निर्देश को मानने को तैयार हैं। परंतु एक साजिश के तहत मेरे माध्यम से राज्यभर के कांग्रेसियों को डराने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि यदि कोई हमारे वाहन या घर की तलाशी लेना चाहता है तो सबसे पहले उसे अपनी पहचान बतानी चाहिए, पंरतु अभियान में शामिल लोगों ने पहले हमसे अपनी पहचान छिपाई और रूखेपन का व्यवहार किया। साथ ही मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया, जैसे किसी अपराधी के साथ किया जाता है।
उनके इस कार्य से हमारी प्रतिष्ठा प्रभावित हुई। इसके लिए मैं सबसे पहले उस अभियान दल के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया है। साथ ही कानूनी सलाह लेने के बाद अदालत में मानहानि का केस भी करूंगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की लोकप्रियता को बढ़ते देख सरकारी तौर पर हमें भयभीत करने की कोशिश की गई, परंतु हम डरने वाले नहीं हैं।