सबगुरु न्यूज-सिरोही/माउण्ट आबू। भाजपा के नेताओं के करीबियों के अवैध निर्माणों में पर गुरुवार को प्रशासन का हथोडा पडा। इसके बाद भाजपा को जनहित याद आ गया। प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और एनजीटी के निर्देशों की पालना में माउण्ट आबू में अर्चना दवे और नरेश पटेल के मकानों में किए गए स्वीकृति के विपरीत निर्माणों को तोड दिया। नरेश पटेल जालोर भाजपा सांसद और माउण्ट आबू माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य देवजी पटेल के भाई और अर्चना दवे माउण्ट आबू नगर पालिका में भाजपा के बोर्ड में पालिका उपाध्यक्ष बताए जा रहे हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि नरेश पटेल नामक के मकान में किए स्वीकृति के विपरीत निर्माण को तोडने के दौरान भाजपा के दो-तीन जनप्रतिनिधि ही वहां पर पहुंचे, लेकिन जैसे ही नगर पालिका का तोडक दस्ता अर्चना दवे के मकान में किए गए अवैध निर्मााण को तोडने पहुंचा तो कई भाजपा जनप्रतिनिधियों ने वहां जाकर विरोध भी जताया।
बाद में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सौरभ गांगडिया ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके शुक्रवार को उपखण्ड कार्यालय के सामने सांकेतिक धरने की घोषणा कर दी। भाजपा के प्रमुख जनप्रतिनिधियों व उनके निकटस्थों के खिलाफ इस कार्रवाई ने जहां पूरे जिले में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया।
-माॅनीटरिंग कमेटी के निर्णय के विपरीत था निर्माण
माउण्ट आबू के उपखण्ड अधिकारी गौरव अग्रवाल ने सबगुरु न्यूज को बताया कि हाईकोर्ट और एनजीटी मे दायर किए गए वाद के बाद निर्देश मिले थे कि माॅनीटरिंग कमेटी ने जिन्हें स्वीकृतियां दी हैं उन साइटों का अवलोकन करें। अवलोकन में किसी साइट पर अवैध या स्वीकृति के विपरीत निर्माण मिलता है तो उन्हें हटाया जाए।
इन्हीं निर्देशों की पालना में गुरुवार को ढूंढाई मार्ग पर स्थित नरेश पटेल और पालिका उपाध्यक्ष अर्चना दवे के मकानों में स्वीकृति के विपरीत निर्माण मिला। समयाभाव के कारण गुरुवार को इन दोनों मकानों में किए गए स्वीकृति के विपरीत निर्माण को तोडा गया। इस तरह की कार्रवाई यथावत अनवरत जारी रहेगी।
-डूंगरपुर में ही लिख गया था माउण्ट आबू का नसीब
अपने अवैध निर्माण टूटने के बाद भाजपाई जिस तरह से आक्रोशित और उद्वेलित हो रहे हैं उन्हें शायद पता नहीं कि माउण्ट आबू के आम नागरिकों के हितों पर कुठाराघात करके सत्ता में रहकर अपनी अट्टालिकाएं बनाने वाले जनप्रतिनिधियों की करतूत डूंगरपुर में ही राज्य की हाकिम तक पहुंच चुकी हैं।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के डूंगरपुर में आपका जिला आपकी सरकार कार्यक्रम के तहत माउण्ट आबू के स्थानीय लोगों ने माउण्ट आबू में भाजपा के प्रमुख जनप्रतिनिधि और उनकी सरपरस्ती में अन्य नेताओं की ओर से किए जा रहे अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों की बात उन्हें बताई थी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने यह जानकारी मिलने पर सख्त नाराजगी भी जताई थी।
इसके बाद जिले में प्रशासनिक लवाजमा बदला और संभवतः भाजपा के राज में ही भाजपा के जनप्रतिनिधियों के न्यायालयों के निर्देशों को दरकिनार करके किए गए स्वीकृति के विपरीत निर्माणों पर गाज गिराकर यह संदेश दिया कि सत्ता का दुरुपयोग जयपुर का शासन बर्दाश्त नहीं करेगा।
-आनन-फानन में याद आया जनहित
भाजपा नेताओं पर गाज गिरी तो भाजपाइयों को मानवाधिकार, जनहित, मौलिक अधिकार भी याद आ गए। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सौरभ गांगडिया ने उपखण्ड अधिकारी को पत्र लिखकर शुक्रवार सवेरे दस बजे भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से धरना दिए जाने की अनुमति मांगी है।
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कथित रूप से प्रशासनिक संवेदनहीनता के कारण लोगों में आक्रोश का हवाला देते हुए अधिक से अधिक उपस्थिति देने का आह्वान किया है। वैसे सोशल मीडिया पर यह संदेश प्रचारित होने के बाद भाजपा के इस धरने के निर्णय की खिलाफत करने वाले भी सामने आए है।
इन लोगों की दलील थी कि माउण्ट आबू में गरीबों के आशियाने उजडते थे तब भाजपा के लोगों को धरना देना याद नहीं आया, इन लोगों ने हाल ही में अर्बुदा मंदिर की तलहटी पर की गई कार्रवाई का उदाहरण भी दिया। सूत्रों के अनुसार आज रात को भाजपा पार्षदों का एक दल भी जयपुर इस संबंध में सरकार और संगठन से बात करने के लिए रवाना होने वाला है।
-इनका कहना है….
हाईकोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार माॅनीटरिंग कमेटी की अनुमतियों का अवलोकन किया गया है। इसके विपरीत निर्माण पाए जाने पर आज नरेश पटेल और अर्चना दवे के यहां पर नियमों से परे किए गए निर्माणों को तोडा गया है। न्यायालय के आदेश की पालना में कार्रवाई जारी रहेगी।
गौरव अग्रवाल
उपखण्ड अधिकारी, माउण्ट आबू।