नई दिल्ली। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की अमिट आभा ने ऐसी छाप छोड़ी है कि पूरी दुनिया उनकी इस आभा से प्रभावित है। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में विजयादशमी के दिन सुप्रसिद्ध कवि हरिवंशराय बच्चन और तेजी बच्चन के घर हुआ था।
अमिताभ के पिता ने पहले उनका नाम इंकलाब रखा था, लेकिन कवि सुमित्रानंदन पंत के सुझाव पर उनका नाम अमिताभ रख दिया और उन्होंने सच में अपने नाम को सार्थक कर दिखाया।
अमिताभ ने अपनी पढ़ाई नैनीताल के प्रसिद्ध शेरवुड कॉलेज और फिर दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से की।
अमिताभ ने कोलकाता में नौकरी भी की थी, लेकिन अभिनेता बनने का ख्वाब लिए वह मुंबई आ गए। उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए खूब संघर्ष किया है। अमिताभ के छोटे भाई अजिताभ ने उनकी कुछ तस्वीरों को ख्वाजा अहमद अब्बास के पास भेज दिया। उन दिनों अब्बास ‘सात हिंदुस्तानी’ फिल्म बना रहे थे और इस फिल्म के लिए अमिताभ का चयन हो गया, हालांकि यहव फिल्म ज्यादा नहीं चली।
इसके बाद उन्होंने ‘आनंद’, ‘रेशमा और शेरा’ और ‘बांबे टू गोवा’ जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन 1973 में आई प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ उनके करियर में एक अहम मोड़ साबित हुई।
इस फिल्म के बाद वह जया के साथ छुट्टियां मनाने के लिए लंदन जाना चाहते थे, लेकिन हरिवंश राय बच्चन ने कहा कि शादी करने के बाद ही वह जया के साथ वहां जा सकते हैं और फिर उन्होंने जया से शादी कर ली। साल 1974 नें वह बेटी श्वेता बच्चन नंदा और 1976 में अभिषेक बच्चन के पिता बने।
‘जंजीर’, ‘दीवार’ जैसी फिल्मों से अमिताभ की एंग्री मैन की छवि बन गई। वहीं ‘कभी-कभी’ और ‘सिलसिला’ जैसी फिल्मों में वह रोमांटिक अंदाज में नजर आए।
फिल्म ‘दो अनजाने’ में पहली बार अमिताभ और रेखा ने साथ काम किया। रेखा शादीशुदा अमिताभ के अभिनय और उनके व्यक्तित्व व सादगी से प्रभावित होकर उनके प्यार में पड़ गईं। अमिताभ भी खूबसूरत रेखा को दिल दे बैठे। हालांकि, जया ने इस दौरान धैर्य का परिचय दिया। अमिताभ, जया और रेखा- तीनों ने 1981 में आई यश चोपड़ा की फिल्म ‘सिलसिला’ में साथ काम किया।
फिल्म ‘सिलसिला’ के साथ अमिताभ और रेखा के प्यार का सिलसिला थम गया, दोनों की साथ में यह अंतिम फिल्म रही।
साल 1982 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग दौरान एक एक्शन दृश्य को फिल्माते समय वह पुनीत इस्सर के घूंसे से गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी आंत में गहरी चोट लगी थी, लेकिन देशवासियों की दुआ और चिकित्सकों की मेहनत रंग लाई और उन्हें फिर से नया जीवन मिला।
अमिताभ ने अमने मित्र राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में भी कदम रखा, उन्होंने 1984 में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवतीनंदन बहुगुणा को हराकर इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव जीता, लेकिन बोफोर्स तोप सौदे में अपना नाम उछाले जाने के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।
अमिताभ ने 1995 में अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एबीसीएल) की शुरुआत की। 1996 में एबीसीएल ने बेंगलुरू में विश्व सुंदरी प्रतियोगिता का आयोजन किया, इसके बाद कंपनी को काफी नुकसान हुआ और अमिताभ कर्ज में डूब गए।
ऐसे में साल 2000 में शुरू हुआ टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ उनके लिए बहुत बड़ा सहारा बना। यह शो बेहद लोकप्रिय हुआ और अमिताभ के नाम का डंका एर बार फिर से बजने लगा। फिलहाल अमिताभ इस शो के नौवें संस्करण की मेजबानी कर रहे हैं और इस शो की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
अमतिाभ का जलवा आज भी कायम है और लेखक अमिताभ को ध्यान में रखकर फिल्मों की कहानियां लिखते हैं। हालिया वर्षो में आईं उनकी फिल्में जैसे ‘बागबान’, ‘ब्लैक’ ‘पा’, ‘पीकू’ और ‘पिंक’ ने बॉक्स पर अच्छा प्रदर्शन किया।
फिल्म ‘पीकू’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। अमिताभ को साल 2000 में सदी का महानायक होने का सम्मान मिला। लंदन के मैडम तुषाद संग्रहालय में उनका मोम का पुतला रखा गया है।
अमिताभ फिल्म ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘डॉन’, ‘हम’ ‘ब्लैक’ और ‘पा’ जैसी फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी जीत चुके हैं। भारत सरकार ने अमिताभ को 1984 में पद्मश्री, साल 2001 में पद्मभूषण और 2015 में पद्मविभूषण से नवाजा।
अमिताभ स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। जल्द ही वह अभिनेता आमिर खान के साथ फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ में नजर आएंगे।
अमिताभ की बहू अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के पिता कृष्णराज राय का इस साल निधन हो जाने के चलते वह (अमिताभ) इस बार अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं।
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