नई दिल्ली। भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का आज 86वां जन्मदिन है। भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालांकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है।
लता का जन्म 28 सितंबर 1929 में मराठा परिवार में, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे।
इनके परिवार से हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंषले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिए चुना। लता ने पाँच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय करना शुरु कर दिया था।
पिता की अचानक मृत्यु हो जाने से लता मंगेशकर को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। लता मंगेशकर को अभिनय करने खास पसंद नहीं था लेकिन आर्थिक कमी को पूरा करने के लिए उन्हें कई मराठी और हिंदी फिल्मों में काम करना पड़ा।
उन्होंने अपने पार्श्वगायन की शुरूआत वर्ष 1942 की मराठी फिल्म ‘कीती हसाल’ से की थी लेकिन बाद में इस गाने को फिल्म से काट दिया गया जिसके बाद वर्ष 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म ‘आपकी सेवा में’ लता को गाने को मौका दिया। इस फिल्म के गानों को दर्शकों ने काफी पसंद किया जिसके बाद भी लता ने कई फिल्मों में गाया लेकिन वे उतनी हिट नहीं हुई।
लता अभिनेत्री के रुप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी। बड़ी माँ, में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया जिसमें उन्होंने खुद की भूमिका के लिए गाने भी गाए।
सुरों की मल्लिका लता ने फिल्म फेयर पुरस्कार,राष्ट्रीय पुरस्कार, महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार, पद्म भूषण, दुनिया मे सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, फिल्म फेर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार, स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, राजीव गान्धी जैसे कई पुरस्कारों को अपने नाम किया।