सूरत। राजद्रोह के आरोप में लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल की नियमित जमानत याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार पक्ष ने दलीलें पेश करने के साथ जांच अधिकारी ने एक और शपथपत्र पेश कर जमानत याचिका नामंजूर करने की कोर्ट से मांग की। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च दिन तय किया।
जांच अधिकारी की ओर से कोर्ट में पेश किए शपथपत्र में लिखा है कि एक ओर हार्दिक पटेल की जमानत याचिका लंबित है और दूसरी ओर लाजपोर सेंट्रल जेल में हार्दिक के पास से मोबाइल और बैटरी मिलने के आरोप लगे है। इस संदर्भ में सचिन थाने में जेल प्रशासन की ओर से दो शिकायतें दर्ज करवाई गई है। अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो राज्य में कानून-व्यवस्था बिगडऩे की आशंका है।
वही सरकारी अधिवक्ता ने दलीलें पेश करते हुए जमानत याचिका नामंजूर करने की मांग की। बचाव पक्ष की ओर से शपथपत्र का जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की गई। इसके बाद कोर्ट ने 14 मार्च तक सुनवाई टाल दी।
गौरतलब है कि पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में 19 अक्टूबर को हार्दिक पटेल को गिरतार कर लिया था, तब से वह न्यायिक हिरासत में है और उसने नियमित जमानत के लिए सेशन कोर्ट से गुहार लगाई है।