अहमदाबाद। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को सोमवार की शाम डकैती और लूटपाट के आरोप में आणंद जाते वक्त रास्ते में हिरासत में ले लिया गया।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक आणंद में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे, तभी रास्ते में अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर करीब 70 पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इस बीच इसी मामले में हार्दिक के करीबी साथी दिनेश भंभानिया को भी सौराष्ट्र इलाके के राजकोट में पुलिस की अपराध शाखा ने हिरासत में ले लिया है।
पाटण पुलिस के अनुसार, मेहसाणा में पीएएएस के पूर्व संयोजक नरेंद्र पटेल ने डकैती और लूटपाट की घटना के एक दिन बाद शनिवार को शिकायत दर्ज कराई कि वह अपने साथी दिलीप सावलिया के साथ नवजीवन होटल के नजदीक चाय-नाश्ता कर रहे थे, तभी हार्दिक अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और उन दोनों से अपमानजनक टिप्पणियां न करने के लिए कहा।
शिकायत में कहा गया है कि दोनों समूहों के बीच झगड़ा शुरू हो गया और हार्दिक के समर्थकों ने उनके साथ गाली-गलौच शुरू कर दी और हमला कर दिया। नरेंद्र पटेल द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार हार्दिक के एक समर्थक ने उनकी सोने की चेन छीन ली और उनका मोबाइल फोन तोड़ दिया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि पाटण के प्रगति मैदान पहुंचे, जहां शनिवार को हार्दिक ने एक जनसभा को संबोधित किया, तो दिनेश भंभानिया ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
पुलिस ने हार्दिक, भंभानिया, सुनील, बृजेश और महेश पटेल के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। हिरासत में लिए जाने से पहले हार्दिक ने पूछे जाने पर घटना से पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि वह पाटण में जनसभा संबोधित करने के बाद तुरंत चले आए थे। हार्दिक ने कहा कि मुझे बिल्कुल नहीं पता कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं।
पाटण में शनिवार को आयोजित जनसभा में हार्दिक ने गुजरात से भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था और कांग्रेस को एक मौका देने की बात कही थी। इस जनसभा में पाटीदार समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे।
हार्दिक को कांग्रेस का एजेंट कहने वाले गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के खिलाफ पाटण में सोमवार को महिलाओं के एक समूह ने बेलन और नारे लिखी तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया।