सूरत। राजद्रोह के आरोप में सूरत के लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल का एक और लेटर बाहर आया है। इस लेटर में उसने पाटीदार समाज को अपील की है कि वे किसी भी सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों को नेताओं न बुलाए और कड़वा-लेउआ पाटीदारों को अलग करने वाले कार्यक्रमों का बहिष्कार करें।
हार्दिक पटेल ने जेल प्रशासन की मंजूरी के साथ पांच मई को अधिवक्ता यशवंतसिंह वाला को लिखे पत्र के जरिए समाज से आंदोलन तथा एकता को लेकर कई संदेश दिए है। उसने लिखा है कि राज्य के लेउआ पाटीदारों की कुलदेवी खोड़ल है और कड़वा पाटीदारों की कुलदेवी मां उमिया है।
समाज ने कुलदेवियों को नाम पर अलग-अलग रहने के बजाए पाटीदारों की कुलदेवी मां उमा खोडल बोलना चाहिए और यही लिखना चाहिए। पाटीदार समाज का सामूहिक विवाह हो या धार्मिक कार्यक्रम हो नेताओं को नहीं बुलाना है।
मेरी जेलमुक्ति न्यायतंत्र आधारित होगी
हार्दिक ने लिखा है कि मेरी जेल मुक्ति न्यायतंत्र आधारित होगी, मुझे पूरा विश्वास है। जेल मुक्ति की लंबित प्रक्रिया मानो भगवान समाज की परीक्षा ले रहा है। मैं और अपना समाज कितना मजबूत है यह देखा जा रहा है। एैतिहासिक कार्य करते हुए हम टूट जाए इस लिए प्रक्रिया खिंची जा रही है। मेरी जेल मुक्ति नहीं होने के पीछे क्यां कारण है यह हम सब जानते है।
14 पाटीदार युवाओं की शहीदी बेकार न जाए
हार्दिक ने समाज से अपील करते हुए लिखा है कि मेरी जेल से मुक्ति नहीं होगी तो कोई बात नहीं, लेकिन समाज के 14 युवाओं की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। हमारी लढ़ाई हमे किस तरह लडऩी है यह समाज को तय करना है, लेकिन इस दौरान हमारी एकता टूट न जाए इसका भी ध्यान रखना होगा।