सूरत। राजद्रोह के आरोप में न्यायिक हिरासत में कैद हार्दिक पटेल का एक और पत्र शनिवार को सामने आया। जिसमें उसने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के सदस्यों से कहा है कि जेल मुक्ति नहीं, आरक्षण जरूरी है। इसलिए हमे हमारे हक के लिए आखिरी दम तक लडऩा होगा। साथ ही रविवार को होने वाले जेल भरो आंदोलन को लेकर भी उसने शांतीपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की पाटीदारों से अपील की है।
जेल प्रशासन की मंजूरी के बाद हार्दिक पटेल ने शनिवार को यह पत्र अधिवक्ता यशवंत वाला को भेजा है। उसने लिखा है कि रविवार को होने वाले जेल भरो आंदोलन शांतीपूर्ण तरीके से किया जाए, अपनी मांग आरक्षण की है और यही अपना हक है। अपनी लड़ाई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नहीं है।
सोमवार को भाजपा सरकार की ओर से बैठक बुलाई गई है, लेकिन इस बैठक में पास के कोई भी सदस्य या समन्वयक शामिल नहीं होना है। जेल मुक्ति नहीं, आरक्षण जरूरी है, जो 27 मुद्दे सरकार के समक्ष रखे गए है वह जरूरी है। जरूर पडऩे इन मुद्दों में कुछ मुद्दों को लेकर सरकार के समक्ष झुकना पड़े तो झुक जाएंगे, लेकिन आरक्षण को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे।
हम भाजपा विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार पाटीदार विरोधी बनती है तो पाटीदारों भी भाजपा विरोधी बनना पड़ेगा। हार्दिक ने समझौतें की चल रही प्रक्रिया पर सवाल उठाते लिखा है कि भाजपा के ही कुछ मंत्री समझौता नहीं चाहते हैं और वे वह हैं जिन्हें सीएम बनने की लालच है। इसलिए समाज से विनती है कि दूसरे मुद्दों पर ध्यान न दे।
आरक्षण के लिए आंदोलन करो और वह भी कानून की सीमा में रह कर और शांतीपूर्ण तरीके से। जिन पाटीदारों को जेल या पुलिस से डर लगता है वह घर में ही बैठे रहें। आखिर में उसने लिखा है कि हम गुनाहगार नहीं है की हमे डरना चाहिए, न्याय के लिए लड़ऩा हमारा संवैधानिक अधिकार है।